साइबर ठगों का नया तरीका, फोन करके कहा,” मैं सीएम ऑफिस से बोल रहा हूं..” अब हुई यह हालत

Smriti Nigam
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उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसे दो साइबर ठगो को पकड़ा है जो सीएम ऑफिस के नाम पर लोगों को लाखों का चूना लगा रहे थे। इतना ही नहीं कॉल स्पूफिंग के जरिए यह बड़े-बड़े अफसर को हड़का कर अपना काम भी कर रहे थे। आरोपियों को अयोध्या रोड लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है।

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ऑफिस के नाम पर ठगी और धोखाधड़ी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां यूपी एसटीएफ ने दो ऐसे साइबर फ्रॉड को पकड़ा है जो सीएम ऑफिस के अधिकारी बनकर लोगों को फोन करते थे और बड़े-बड़े अधिकारियों को भी हड़काते थे और उनसे अपना काम करवाते थे। दोनों ही को गिरफ्तार कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि पुलिस के हत्थे चढ़े इन ठगो के नाम अन्वेष तिवारी और कप्तान तिवारी है। दोनों रिश्ते में चाचा भतीजे लगते हैं लेकिन सच में इनकी जोड़ी बंटी और बबली से काम नहीं है। दोनों वीओआईपी (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) कॉल के जरिए यूपे के सीएम योगी आदित्यनाथ के निजी सचिव, लोक निर्माण मंत्री के निजी सचिव और ऊर्जा मंत्री के निजी सचिव के सीयूजी नंबर की कॉल स्पूफिंग किया करते थे।

बताया जा रहा है कि अन्वेष तिवारी एमसीए किया हुआ है और वह फ्रीलॉन्स सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करता है। उसने अपने चाचा पूर्व प्रधान कप्तान तिवारी के कहने पर पिछले साल अयोध्या के एसडीएम को सीएम का निजी सचिव बनकर कॉल किया था जिसके बाद उनसे गांव में हो रहे निर्माण कार्य को रुकवाने के लिए कहा था। इस तरह उसने बरेली के इज्जत नगर में इंस्पेक्टर को फोन करके मामले में आगे कार्रवाई न करने के लिए कहा।

इस मामले में अन्वेष तिवारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है चाचा भतीजे की यह जोड़ी हर रोज नए-नए कांड कर रही थी। लोगों को यह ठग रहे थे। पुलिस ने उनके बारे में लगातार छानबीन की। इनके बारे में अधिकतर शिकायतें मिल रही थी। पूछताछ में गिरोह के मास्टरमाइंड अन्वेष तिवारी का कहना है कि साल 2018 में डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय अयोध्या में पढ़ाई पूरी की थी। इसके बाद एक प्राइवेट कंपनी में वह नौकरी भी करने लगा था।

आरोपी ने साल 2023 में खुद की कंपनी बनाई थी। साल 2022 में उसे इंडीकॉल ऐप के बारे में पता चला था। इसके जरिए बिना नंबर शो किए किसी को भी कॉल किया जा सकता है। उसने जब अपने चाचा कप्तान तिवारी को इसके बारे में बताया, तो उसने लोगों के साथ ठगी की बात सूझ गई। एसटीएफ ने आरोपियों के पास से चार फोन, एक मीडिया डायरेक्ट्री, एक कार, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद किए हैं। उनसे पूछताछ जारी है।