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प्रकृति का कहर: यहां तीन दिन बाद हुई मृतका की अंत्येष्टि, परिजनों के गुहार लगाने के बाद आईटीबीपी के जवानों ने सुचारू किया मार्ग

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़ सहयोगी
पिथौरागढ़ के टिमरिया, बांसबगड़, नाचनी क्षेत्र में पिछले दिनों प्रकृति ने ऐसा तांडव मचाया कि हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से कई सड़कें, आवाजाही के पैदल मार्ग खंडहर में तब्दील हो चुके है। आलम यह है कि रायां—बजेता गांव में एक वृद्धा की अत्येष्टि तीन बाद की गई।
जानकारी मुताबिक रायां-बजेता निवासी 72 वर्षीय कौशल्या देवी का बीते 13 सितंबर की शाम निधन हो गया था। लेकिन बीते दिनों बादल फटने से टिमरिया, बांसबगड़, नाचनी समेत पूरे क्षेत्र में भारी तबाही मची थी। जिसमें सड़क, पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश व पैदल मार्गों के क्षतिग्रस्त होने के चलते पिछले तीन दिन से मृतका का शव घर में रखा हुआ था। परिजनों ने बीते दिनों जिला प्रशासन से मार्ग सुचारू करने की गुहार लगाई थी जिसके ​बाद आईटीबीपी के जवान पिछले दो दिनों से मार्ग सुचारू कराने में जुटे हुए थे। मार्ग सुचारू होने के बाद रविवार को यानि ​तीसरे दिन मृतका की भुजगाड़ घाट में अंत्येष्टि की गई। मृतका के घर से इस घाट की दूरी करीब 14 किमी है। बाँसबगड से करीब 3 किमी पहले रायां-बजेता के लिए सड़क कटी है लेकिन वह भी अधूरी है। साथ ही बारिश में वह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। प्रकृति ने क्षेत्र के लोगों पर जमकर कहर बरपा है अधिकांश सड़क व पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गये है इसके अलावा लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से नदी व गाड़—गधेरें पूरे उफान पर है। आपदा की मार से लोगों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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