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सराहनीय- यहां महिला स्वयं सहायता समूह (mahila swayam sahayata samuh) बना रही है रंगीन LED बल्बों की झालरें

Newsdesk Uttranews
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mahila swayam sahayata samuh banaa rahi hai LED mala

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कोटाबाग/कालाढूंगी इस वर्ष दीपावली को और शानदार बनाने के लिए विकास खण्ड कोटाबाग की महिला स्वयं सहायता समूह (mahila swayam sahayata samuh) द्वारा रंगीन बल्बों की झालरें (एलईडी) आदि का निर्माण किया जा रहा है।

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इन सस्ती एवं टिकाऊ झालरों का उत्पादन महिला कलस्टर लेबल फैडरेशन के तहत कार्यरत 14 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है जिसके जरिये 40 महिलाओं को रोजगार मिला है।

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झालरों का निर्माण एलईडी ग्रोथ सेन्टर के जरिये हो रहा हैै। जिलाधिकारी सविन बंसल ने बताया कि इस ग्रोथ सेन्टर का शुभारम्भ विगत जुलाई माह मे हुआ था तथा चार माह में ही झालर बनाकर एवं उनकी ब्रिकी से लगभग दो लाख की आय अर्जित की है।

उन्होेने कहा कि विद्युत बल्बों की झालर बनाना एक तकनीकी कार्य हैै, खुशी की बात है कि इस तकनीकी को महिलाओं से सीखा और तकनीकी को आत्मसाद करते हुये कुशलता पूर्वक झालर निर्माण कर रही है।

उन्होने कहा कि जनपद में यह पहली दीपावली होगी जहां इन महिलाओं (mahila swayam sahayata samuh) द्वारा बनाई रंगीन विद्युत झालरें जगमग होंगी इसकी ब्रिकी के लिए जनपद मे विभिन्न स्थानों पर स्टाल लगाये जा रहे है ताकि झालरें आम आदमी तक पहुचे तथा महिलाओ उचित बाजार की ब्रिकी के लिए मिल सके।

जिलाधिकारी ने बताया कि एलईडी बल्ब निर्माण ग्रोेथ सेन्टर का मुख्य उददेश्य महिलाओं को अपनी घरेलु दिनचर्या कार्यो के साथ ही परिवार की आर्थिकी मजबूत करना है। उन्होने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण मिशन एक महत्वाकांक्षी मिशन है जिसका उददेश्य ग्रामीण परिवारों को संगठित कर उन्हे रोजगार के स्थायी अवसर उपलब्ध कराना हैै।

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उन्होने कहा कि मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण स्तर पर गरीब परिवारों की महिलाओं को जोडकर स्वयं सहायता समूह के जरिये कार्य किया जाए। इन महिला स्वयं सहायता समूहों (mahila swayam sahayata samuh) द्वारा इसी योजना के अन्तर्गत झालर बनाने का कार्य किया जा रहा है। उन्होने बताया कि महिलाओं द्वारा अपनी कुशलता से रंगबिरंगे बल्ब, झूमर, लडिया तथा कछुआ आदि का निर्माण भी किया जा रहा है।

एलईडी ग्रोथ सेन्टर को मशीनों उपकरणों व अन्य सामग्री के लिए 28 लाख की धनराशि निर्गत की गई है। समूहों द्वारा कच्चे माल की उपलब्धता के आधार पर समूह की महिलाओं (mahila swayam sahayata samuh) द्वारा 3 वाट, 7 वाट तथा 9 वाट के एलईडी बल्ब भी तैयार किये जा रहे है। समूह की महिलाओं को तीन से चार हजार रूपये तक की आय हो रही है।

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