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हिंदी बाल साहित्य के आकाश में चमक बिखेर रहे ललित शौर्य

उत्तरा न्यूज टीम
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पिथौरागढ़। चर्चित युवा बाल साहित्यकार ललित शौर्य विगत 12 वर्षों से हिंदी सेवा में सलंग्न हैं। अब तक वह सैकड़ों कविताएं, लेख, लघु कथाएं, पहेलियां, व्यंग्य, बाल कहानियां, और एकांकी लिख चुके हैं। शौर्य विज्ञान के छात्र रहे हैं। उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की डिग्री ली हुई है। लेकिन रुझान सहित्य की ओर है। शौर्य अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें लिख चुके हैं।

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उनकी बाल साहित्य में पकड़ चमत्कृत करने वाली है। शौर्य की बाल कहानियां देश की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं चम्पक, नंदन, बाल भारती, साहित्य अमृत,बच्चों का देश, देवपुत्र, इंद्रप्रस्थ भारती, बाल भास्कर, बाल भूमि, बाल प्रभात, स्नेह आदि में रचनाएं प्रकाशित होती रहती हैं।

विदेशों में बजाय हिंदी का डंका: ललित शौर्य की रचनाएं भारत से बाहर भी पढ़ी जा रही हैं। अमेरिका से निकलने वाली साप्ताहिक पत्रिका हम हिंदुस्तानी एवं कनाडा से निकलने वाली पत्रिका हिंदी अब्रॉड में भी इनकी रचनाएं छपती रहती हैं। हिंदी के उन्नयन में शौर्य का प्रयास सराहनीय है।

प्रकाशित पुस्तकें: ललित शौर्य की अब तक दादाजी की चौपाल, स्वच्छता के सिपाही, फॉरेस्ट वॉरियर्स, कोरोना वॉरियर्स, द मैजिकल ग्लब्ज, जादुई दस्ताने,जल की पुकार, स्वच्छता ही सेवा, स्वच्छता के सिपाही, सृजन-सुगन्धि आदि किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। साथ ही शौर्य ने स्पंदन, पहाड़ दर्द और सौंदर्य, फसक, अग्नि परीक्षा बाकी है, इंद्रधनुष आदि किताबो का संपादन भी किया है।

राज्यपाल व मुख्यमंत्री कर चुके हैं पुस्तकों का विमोचन: ललित शौर्य की पुस्तकों का विमोचन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व राज्यपाल बेबी रानी मौर्य , महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी कर चुके हैं। इसके साथ ही देश के पूर्व शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह, स्मृति ईरानी, तीरथ सिंह रावत, त्रिवेन्द्र सिंह रावत,केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद अजय टम्टा आदि को शौर्य ने पुस्तकें भेंट की हैं।

अन्य भाषाओं में हो रहा अनुवाद: ललित शौर्य के बाल कहानियों का अनुवाद अंग्रेजी, मराठी, मलयालम, उड़िया, तेलगु, गुजराती, कन्नड़ भाषाओं में हो रहा है। साथ ही ललित के व्यंग्य पंजाबी और उर्दू भाषा में अनुदित हो चुके हैं।

मिल चुके हैं कई सम्मान: ललित शौर्य को देश की अनेक प्रतिष्ठित संस्थाओं ने सम्मानित किया है। उन्हें पंडित प्रताप नारायम मिश्र युवा बाल साहित्यकार सम्मान, उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का प्रतिष्ठित उमाकान्त मालवीय बाल साहित्य सम्मान, बाल साहित्य श्री 2021, पर्यावरण मार्तंड, ध्रुव सम्मान, हिंदी भूषण समेत दर्जनों सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।

निःशुल्क बाल साहित्य वितरण अभियान: ललित शौर्य ने निःशुल्क बाल साहित्य वितरण अभियान चलाया है। जिसमें अब तक पंद्रह हजार बच्चों तक अनेकों माध्यमों से पुस्तकें पहुंच चुकी हैं। शौर्य लोगों को अपने जन्मदिन, विवाह उत्सव आदि शुभ अवसरों पर पुस्तकें बांटने की प्रेरणा देते हैं। ललित की पहचान हिंदी साधक के रूप में हो रही है। बच्चे उन्हें कहानी वाले अंकल कहकर पुकारते हैं।