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अल्मोड़ा का कृष्णा नेवी(Navy) में बना अफसर, सीमित संशाधनों के बावजूद इंटर के बाद दो बड़ी परीक्षाएं की पास

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Krishna of Almora, became an officer in the Navy

अल्मोड़ा, 21 मार्च 2022— अल्मोड़ा के थाना बाजार निवासी ​कृष्णा बिष्ट का चयन नेवी में हो गया है। सीमित संशाधनों के बावजूद कृष्णा ने बुलंद हौसलों और कठिन परिश्रम से इस परीक्षा को पास किया है।

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कृष्णा ने इससे पहले जेईई एडवांस की परीक्षा अव्वल नंबरों से उत्तीण की थी। भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रोद्योगिकी संस्थान में प्रवेश लेने के बाद उन्हें इंडियन नेवी में चयन होने की जानकारी मिली। इसके बाद कृष्णा ने नेवी में जाने का फैसला लिया।

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थाना बाजार निवासी वरिष्ठ व्यापारी और सामाजिक कार्यकर्ता हरेन्द्र वर्मा ने बताया कि ना कोई कोचिंग और ना ही कोई बड़ें संस्थान से तैयारी और आधुनिक संसाधनों के अभाव के बाबजूद इंटरमीडिएट के तुरंत बाद 3 महीने में 2 प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण कर अल्मोड़ा थाना बाजार निवासी कृष्णा ने अल्मोड़ा का नाम रोशन किया है।


उन्होंने बताया कि JEE ADVANCE की प्रवेश परीक्षा अब्बल नंबरों से उत्तीर्ण कर कृष्णा ने भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी ( Indian institute of space science and technology) में प्रवेश ले लिया था। इसके बाद इंडियन नेवी (SSB) से कॉल लेटर आने पर विशाखपट्टनम में प्रयास किया और वहाँ भी सभी स्पर्द्धाओं को कुशलता के साथ पास कर इंडियन नेवी में जाने का निर्णय लिया।


उन्होंने बताया कि कृष्णा का कहना है कि वह साइंटिस्ट बन कर देश सेवा करना चाहता था पर इंडियन नेवी से कॉल के बाद मन मे देश सेवा का जज्बा और ज्वलन्त हुवा ओर नेवी ( सेना )साथ जुड़कर देश की सेवा करना उचित समझा। और भारतीय अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी (Indian institute of space science and technology) से नाम वापस ले नेवी जॉइन करना उचित समझा।

हरेन्द्र वर्मा ने बताया कि 17 वर्षीय कृष्णा थाना बाजार में रहते हैं वह बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि के है उनकी प्रारम्भिक शिक्षा लॉरेंस पब्लिक स्कूल अल्मोड़ा में व क्लास 6 से 12 तक की परीक्षा नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत में हुई।


कृष्णा के पिता भगवान बिष्ट 2 साल से मेडिकल कालेज में चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत है तथा माता कुंती बिष्ट ग्रहणी है।


कृष्णा अपनी सफलता का श्रेय माता पिता व गुरुजनो को देते हैं।
उनकी सफलता पर उनकी नानी नारायणी देवी उनको अपना भरपूर आशीर्वाद देते हुए कहती है कि मेरा नाती अपने नाना ओर मामा लोगों का अफसर बन गया। यहां याद दिलाने वाली बात ये है कि कृष्णा के नानाजी स्व0 हिम्मत सिंह व दो मामा भारतीय सेना से सेवानिवृत्त हो चुके है जबकि एक मामा और मौसा अभी भी बॉर्डर पर देश की सेवा कर रहे हैं।