दरोगा की सड़क हादसे में मौत, बारातियों से भरी बस में लगी आग, इधर चलती बाइक धू-धूकर जली

उत्तराखंड में शनिवार का दिन कई दर्दनाक घटनाओं का गवाह बना। एक तरफ जहां जसपुर में तेज रफ्तार पिकअप वाहन की चपेट में आकर एक…

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उत्तराखंड में शनिवार का दिन कई दर्दनाक घटनाओं का गवाह बना। एक तरफ जहां जसपुर में तेज रफ्तार पिकअप वाहन की चपेट में आकर एक पुलिस अधिकारी की जान चली गई, वहीं दूसरी ओर रुद्रप्रयाग में बारातियों को लेकर जा रही एक बस में आग लग गई। इसी दिन हल्द्वानी में एक चलती बाइक देखते ही देखते आग के गोले में तब्दील हो गई। तीनों घटनाओं ने न सिर्फ लोगों को झकझोरा बल्कि यह भी सवाल खड़े किए कि सड़क सुरक्षा को लेकर हालात कितने चिंताजनक हैं।

जसपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, यह हादसा नादेही चौकी क्षेत्र के फीका पुल के पास हुआ, जहां पिकअप वाहन की टक्कर से एक बुलेट सवार गंभीर रूप से घायल हो गया। मौके पर मौजूद लोगों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। जब तक पुलिस घटनास्थल पर पहुंची, घायल दम तोड़ चुका था। मृतक की पहचान पुष्कर चंद जोशी के रूप में हुई है, जो वर्तमान में आईआरबी बैलपड़ाव में दरोगा के पद पर तैनात थे। पुष्कर किसी काम से नजीबाबाद गए थे और लौटते समय यह हादसा हो गया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि वाहन चालक दुर्घटना के बाद मौके से फरार हो गया। घटना के बाद पुलिस महकमे में शोक की लहर दौड़ गई है। पुष्कर मूल रूप से चंपावत के रहने वाले थे।

दूसरी ओर रुद्रप्रयाग जिले से एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। श्रीनगर से बारात लेकर रुद्रप्रयाग की ओर जा रही हिमगिरी एक्सप्रेस बस में उस समय हड़कंप मच गया जब खांखरा के पास अचानक आग लग गई। आग लगने की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन आग की लपटें इतनी तेज थीं कि बस में सवार लोगों में अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि चालक ने सूझबूझ दिखाते हुए समय रहते बस को रोका और सभी बारातियों को सुरक्षित बाहर निकाला। स्थानीय लोगों की मदद से आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन कुछ देर के लिए हाईवे पर यातायात प्रभावित रहा।

इधर हल्द्वानी शहर के बीचों-बीच भी एक खौफनाक मंजर देखने को मिला। नवाबी रोड स्थित दुर्गा सिटी सेंटर के पास चलती बाइक अचानक आग की चपेट में आ गई। बाइक चला रहे युवक तुषार अहमद ने जैसे ही बाइक में धुआं उठता देखा, तुरंत साइड में गाड़ी खड़ी की और चलती बाइक से कूदकर अपनी जान बचाई। कुछ ही सेकंड में बाइक पूरी तरह आग के गोले में तब्दील हो गई। आसपास के दुकानदार घबराकर अपनी दुकानें बंद करने लगे। मौके पर जुटे लोगों ने शोर मचाया और आग बुझाने का प्रयास किया। हालांकि बाइक को बचाया नहीं जा सका।

ये तीनों घटनाएं एक ही दिन हुईं और इन्होंने यह सोचने को मजबूर कर दिया है कि चाहे बात सड़क सुरक्षा की हो या वाहनों की तकनीकी जांच की—व्यवस्था में कहीं न कहीं गंभीर चूकें अब भी बनी हुई हैं। संबंधित विभागों ने इन मामलों में जांच शुरू कर दी है, लेकिन पीड़ितों को न्याय दिलाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए अब ठोस कार्रवाई ज़रूरी हो गई है।