भारत की खुदरा महंगाई दर अप्रैल 2025 में घटकर 6 साल में सबसे निम्न स्तर पर पहुंची है। महंगाई से देश के करोड़ों लोगों पर बड़ी मार पड़ रही थी लेकिन अब राहत की खबर सामने आई है। सब्जियों, फलों और अन्य प्रोटीन युक्त उत्पादों की कीमतों में काफी कमी देखी जा रही है।
खुदरा महंगाई दर घटकर लगभग 6 साल के निचले स्तर 3.6% पर आ गई है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 3.16 प्रतिशत रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है।
जुलाई 2019 में ये 3.15% थी। मार्च 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 3.34 % और अप्रैल, 2024 में 4.83 % थी। पिछले महीने खाद्य महंगाई दर 1.78 % थी जो 1 साल पहले इसी महीने में 8.7% थी। मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति 2.69 % रही थी। आर.बी.आई. को सरकार ने मुद्रास्फीति 2 % घट-बढ़ के साथ 4 % पर बनाए रखने का दायित्व सौंपा है।
2 महीने में 0.50 प्रतिशत घट चुका है रेपो रेट मूल्य स्थिति में सुधार आने के बाद आर.बी.आई. 2 बार में प्रमुख ब्याज दरों (रेपो रेट) में कुल 0.50 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। एसबीआई ने इस साल फरवरी में रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की थी, जिसके बाद अप्रैल में भी रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर दी गई।
इस तरह से रेपो रेट में 2 महीने के भीतर 0.50 प्रतिशत की कटौती की गई है, जिसके बाद ये 6.50 प्रतिशत से घटकर 6.00 प्रतिशत हो गया है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के 4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर के 3.6 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 3.9 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 3.8 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 4.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है।