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अल्मोड़ा :: चौबटिया में चल रहा है भारत-यूके संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण ‘अभ्यास अजेय वारियर’

Newsdesk Uttranews
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रानीखेत सहयोगी, 13 अक्टूबर 2021- भारत-यूके संयुक्त कंपनी स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास अजेय वारियर का छठा संस्करण चौबटिया छावनी क्षेत्र में जारी है।


जिसमें भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री कंपनी और युनाइटेड किंगडम सेना के भी इतनी ही संख्या में सैनिक हिस्सा ले रहे हैं।दो सप्ताह तक चलने वाले इस सैन्य प्रशिक्षण में दोनों देशों के सैनिक अपनी सैन्य ताक़त तथा अपने-अपने देशों में विभिन्न सैन्य अभियानों के संचालन और विदेशी गतिविधियों के दौरान प्राप्त अनुभवों को साझा करेंगे।

यह अभ्यास मित्र विदेशी राष्ट्रों के साथ अंतर-संचालनीयता और विशेषज्ञता साझा करने की पहल का हिस्सा है।यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा और दोनों देशों के बीच दोस्ती के पारंपरिक बंधन को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। कार्यक्रम का समापन 20 अक्टूबर को होगा।


भारतीय थल सेना की मध्य कमान लखनऊ के पीआरओ डिफेंस कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार भारत-यूके संयुक्त कंपनी स्तरीय सैन्य प्रशिक्षण का छठा संस्करण, अभ्यास अजेय वारियर चौबटिया (उत्तराखंड) में विगत सात अक्टूबर से शुरू हो गया है और इसका समापन 20 अक्टूबर को होगा। यह अभ्यास मित्र विदेशी राष्ट्रों के साथ अंतर-संचालनीयता और विशेषज्ञता साझा करने की पहल का हिस्सा है।

इस अभ्यास के दौरान भारतीय सेना की एक इन्फैंट्री कंपनी और युनाइटेड किंगडम सेना की भी इतनी ही संख्या में सैन्य ताक़त अपने-अपने देशों में विभिन्न सैन्य अभियानों के संचालन और विदेशी गतिविधियों के दौरान प्राप्त अपने अनुभवों को साझा करेगी।

साथ में दोनों सेनाएं अपने विविध अनुभवों से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं।प्रशिक्षण के अंतर्गत दोनों देशों की सेना संयुक्त सैन्य अभियानों को अंजाम देने के लिए एक-दूसरे के हथियारों, उपकरणों, रणनीति, तकनीकों और प्रक्रियाओं से परिचित होंगी। इसके अलावा आपसी हित के विभिन्न विषयों जैसे कि संयुक्त शस्त्र अवधारणा, संयुक्त बल में अनुभवों को साझा करना, ऑपरेशन लॉजिस्टिक्स आदि पर विशेषज्ञ अकादमिक चर्चाओं की एक श्रृंखला भी आयोजित होगी।

संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण का समापन 48 घंटे के कठिन अभ्यास के साथ अर्द्ध-शहरी वातावरण में संयुक्त सैन्य अभियान चलाने में दोनों सेनाओं के प्रदर्शन को मान्यता प्रदान करने के लिए किया जाएगा। यह संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण द्विपक्षीय संबंधों को बेहतर बनाने में एक लंबा रास्ता तय करेगा और दोनों देशों के बीच दोस्ती के पारंपरिक बंधन को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।