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इसे कहते हैं विकास योजनाओं के तीन काम, कागज पुर्ची दुआ सलाम, केवल छह माह ही चल पाई आजीविका की हाट बाजार

उत्तरा न्यूज डेस्क
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घाटे के नाम पर बंद की गई भिकियासैंण में लगने वाली हाट

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भिकियासैंण से वरिष्ठ सहयोगी की रिपोर्ट :-भिकियासैंण| आजीविका परियोजना के तहत ग्रामीण महिला समूहों द्वारा उत्पादित जैविक सब्जी, मशालों व दालों की भिकियासैण नगर में गुरूवार को लगने वाली साप्ताहिक हाट बाजार एक वर्ष का भी समय पूरा नहीं कर सकी है यह हाट पिछले 6 माह से लगनी बंद हो गयी है|
नगर के वार्ड नंबर दो में पंचायत भवन परिसर में क्षेत्र के ग्रामीण उत्पादक महिला समूहों द्वारा आजीविका परियोजना के तहत उत्पादित जैविक शब्जियों,मिर्च, मसाला,पहाड़ी दालों व डेरी उत्पादों आदि का वाजिब दाम समूहों तक सीधे पहुचे इस उद्देश्य से जिला प्रशासन के निर्देश पर बीते वर्ष मई माह से प्रत्येक गुरूवार को हाट बाजार शुरू हुई थी | समूहों द्वारा लाया गया उत्पाद हाथों हाथ लोगों द्वारा क्रय किया गया|लेकिन यह हाट कुल 6 माह अक्टूबर तक चली व घाटे का रोना रोकर परियोजना ने इसे बंद कर दिया जो अब यह पिछले 6 माह से लगातार बंद है|आजीविका परियोजना कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस हाटबाजार से 74 महिला समूहों के 648 महिला काश्तकार सदस्य सीधे जुड़े हैं|प्रत्येक सदस्य को बीज,खाद,बुवाई,कटाई,निराई आदि के लिये 36सौ रूपया वार्षिक परियोजना की ओर से प्रोत्साहन के तौर पर दिया जाता है|जो इन समूहों पर कुल खर्च 23लाख32हजार8सौ बैठता है|इसके अलावा परियोजना से जुड़े कर्मचारियों व प्रशिक्षण पर भारी भरकम धनराशि खर्च होने के बाद भी उत्पादन कम होने की वजह से हाट बाजार पर ग्रहण लग गया है| अब यदि जल्द की कोई ठोस व कारगर योजना इसके लिए नहीं बनाई तो यह योजना भी अन्य कई योजनाओं की तरह दम तोड़ने में देर नहीं लगाएगी | इस संबंध में आजीविका परियोजना प्रबंधक कैलास भट्ट ने बताया कि हाट बाजार को व्यवस्थित
रूप से चलाने के प्रयास किए जा रहे हैं दिक्कतों को जल्द दूर कर लिया जाएगा, मोबाइल वैन चलाने की भी योजना बनाई जा रही है |