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इंसानियत आज भी जिंदा है बस नजरियें का फर्क है

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। आज के भागमभाग भरी जिंदगी में हर कोई व्यस्त है। और ​अधिकतर लोग किसी झमेले में ना पड़ते हुए समाज में हो रही घटनाओं से मुंह मोड़ लेते है। और अगर सड़क पर कोई एक्सीडेंट हो गया हो तो लोग वहां से चुपचाप ​चले जाना ही बेहतर समझते है। लेकिन कुछ लोग अलग ही मिट्टी के बने हुए होते है। इन्ही में से एक से आपका परिचय करा रहे है। जिन्हे अल्मोड़ा के लोग प्रकाश रावत के नाम से जानते है। विगत 29 वर्षेा से इलैक्ट्रानिक्स का व्यवसाय कर रहे प्रकाश का हाथ हमेशा लोगों की मदद के लिये उठा रहता है।

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हुआ यह कि प्रकाश रावत 15 अगस्त की सुबह अपनी बहन से राखी बंधवाने अपने वाहन से भवाली जा रहे थे कि अचानक उन्होने देखा कि क्वारब के पास सड़क पर दो वाहनों की टक्कर से कुछ लोग घायल हुए है। उन्होने अपना वाहन रोका और घायलों का हाल चाल पूछा और घायल हरीश कोटलिया,उनकी पत्नी और दो पुत्रियों को लेकर अल्मोड़ा को रवाना हुए। इसी बीच लोधिया के पास श्री कोटलिया के मित्र भी वंहा पहुचं गये और उनका प्राथमिक उपचार अल्मोड़ा के अस्पताल में कराया। श्री रावत की तत्परता से घायलों को इलाज हो सका। वापसी में भी वह परिवार उन्हे लोधिया में मिला जहां बाद में दोनो पक्षों में समझोता हो गया।


यह पोस्ट अल्मोड़ा के श्री वैभव जोशी ने अपने फेसबुक वाल पर 15 अगस्त को लिखी थी। इसे हम हूबहू प्रकाशित कर रहे है।

यदि आप एक बेहतर इंसान हैं तो आपका गुणगान करना मेरा दायित्व है

बात आज सुबह करीब 8 बजे की है अचानक से मुझे एक फोन आता है कि मेरे परिचित कोटलिया जी की गाड़ी क्वारब पुल के
रक्षा बंधन की सुबह क्वारब पुल के पास एक कार को आज सुबह करीब 8 बजे की है
अचानक से मुझे एक फोन आता है कि मेरे परिचित कोटलिया जी की गाड़ी क्वारब पुल के समीप दुघर्टनाग्रस्त हो गई है और उनके परिवार जनों को गम्भीर चोट आई है। मैंने तुरन्त कोटलिया जी से सम्पर्क साधा और बेहद घबराए कोटलिया जी ने मुझे फौरन उनके पास आने का निवेदन किया। उन्होंने बताया कि उनके सिर पर घाव हो गया है, उनकी बेटी, जो हल्द्वानी ग्रामीण बैंक में कार्यरत हैं, का चेहरा कांच के चुभने से लहूलुहान हो गया है,दूसरी बेटी और उनकी धर्म पत्नी के पैर और शरीर पर चोट आई हैं। श्री कोटलिया जी हल्द्वानी से जागेश्वर जा रहे थे। उत्तर प्रदेश की गाड़ी चलाते हुए बनारस के एक शख्स ने क्वारब पुल के निकट उनकी गाड़ी को टक्कर मार दी थी।बाहर के लोग अंधे हो कर इन पहाड़ में गाड़ी चलाते हैं।खैर मैं आनन फानन में अपनी कार से क्वारब की तरफ निकला,यहाँ से कहानी शुरू होती है इंसानियत की। अल्मोड़ा के सम्मानित व्यापारी श्री प्रकाश रावत जी ( Prakash Rawat ) आज राखी के मौके पर अल्मोड़ा से भीमताल की तरफ जा रहे थे, इन्होंने रास्ते में कोटलिया जी के लिए ना सिर्फ गाड़ी रोकी बल्कि उनको और उनके परिवार को अपनी गाड़ी में बैठा कर वापस अल्मोड़ा की तरफ अस्पताल लाने लगे। इतने में लोधिया के निकट पुलिस चौकी पर यह मुझे मिले, फिर मैंने श्री रावत जी से निवेदन किया कि आप भीमताल की तरफ रवाना हो जाएं, यहाँ से मैं सब संभाल लूंगा। श्री रावत जी ने पुलिस को भी इत्तेला किया और कोटलिया जी के परिवार को अपना परिवार समझ कर मदद की। रावत जी जैसे नेक दिल इंसान की जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है।