हादसे के बाद कैसा है मनसा देवी मंदिर का माहौल, ट्रस्ट अध्यक्ष ने बताया क्या बना भगदड़ की वजह

हरिद्वार में मां मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर मची भगदड़ की घटना के बाद मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया…

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हरिद्वार में मां मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर मची भगदड़ की घटना के बाद मंदिर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। हादसे में कुछ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और कई लोग घायल भी हुए। घटना के बाद मंदिर ट्रस्ट ने दोपहर दो बजे तक मंदिर के पट बंद रखने का फैसला लिया था। लेकिन हालात सामान्य होते ही मंदिर को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया।

मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रविंद्र पुरी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस घटना से सभी संत और मंदिर से जुड़े लोग बेहद आहत हैं। घायलों को हरसंभव मदद दी जा रही है और मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि हादसे के समय मंदिर के कर्मचारियों और स्वयंसेवकों ने जितनी हो सकी मदद की।

रविंद्र पुरी ने कहा कि मनसा देवी मंदिर के इतिहास में इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई। उनका कहना है कि मंदिर ट्रस्ट हमेशा से भक्तों की सुविधा और सुरक्षा को प्राथमिकता देता आया है लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने सबको झकझोर दिया है। हादसा कैसे हुआ इसे लेकर कई तरह की बातें सामने आई हैं। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि श्रद्धालु जैसे जैसे मंदिर की ओर चढ़ाई कर रहे थे तभी एक संकरे मोड़ पर अचानक धक्का मुक्की शुरू हो गई। कुछ लोग फिसले और उसके बाद भगदड़ जैसी स्थिति बन गई। कई लोग गिरते गए और इसी बीच कुछ की जान चली गई।

मां मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार की पहाड़ियों पर स्थित है। यह स्थान देश के प्रमुख शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यहां माता सती का मस्तक गिरा था। मंदिर तक पहुंचने के लिए भक्त या तो पैदल चढ़ाई करते हैं या फिर रोपवे से ऊपर जाते हैं। सावन के महीने में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ सबसे ज्यादा होती है। रविवार के दिन और सावन का विशेष संयोग होने के कारण इस बार भक्तों की संख्या और बढ़ गई थी।

मां मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री माना जाता है। उन्हें सर्पों की देवी भी कहा जाता है। मान्यता है कि उनकी पूजा करने से सांपों से संबंधित डर खत्म हो जाता है। कई लोग जीवन में सुख शांति और संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी मां की शरण में आते हैं।

इस पूरे घटनाक्रम ने भक्तों और स्थानीय लोगों को बेहद दुखी किया है। प्रशासन अब जांच में जुटा है ताकि दोबारा ऐसी कोई घटना न हो। लोगों की भावनाएं मां के प्रति अटूट हैं और सभी यही प्रार्थना कर रहे हैं कि फिर कभी ऐसा हादसा न हो। मंदिर खुल गया है लेकिन हादसे की टीस सभी के दिलों में अभी भी ताजा है।