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कृषि और वानिकी के साथ जलसंरक्षण भी विकास की प्राथमिक जरूरत, ग्राम्या फेज—टू की अंतरावलोकन कार्यशाला का हुआ आयोजन

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। उत्तराखंड विकेन्द्रीयकृत जलागम विकास परियोजना(ग्राम्या) फेज—टू की अंतरावलोकन कार्यशाला यहां उदयशंकर नृत्य अकादमी फलसीमा में आयोजित हुई। कार्यशाला में पिछले पांच वर्षों में पंचायत प्रतिनिधियों के माध्यम से कराए गए कार्यों पर चर्चा करते हुए सहयोग के लिए सभी का आभार जताया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पंचायत अध्यक्ष पार्वती महरा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए कृषि, वानिकी, पशुपालन के साथ ही जब तक जलसंरक्षण के लिए कार्य नहीं किया जाय तब तक विकास की अवधारणा पूरी नहीं हो सकती है।

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उन्होंने कहा कि ग्राम्या फेज टू के कार्य जो पांच साल पूर्व शुरू हुए उनका सकारात्मक असर दिखने लगा है। उन्होंने परियोजना को सहयोग के ​साथ ही इसका लाभ ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए सभी पंचायती प्रतिनिधियों की सराहना की।
इस कार्यशाला में धौलादेवी ब्लॉक के 87 पंचायत प्रतिनिधि शामिल रहे। कार्यशाला में पिछले पांच सालों में गांवों में चलाए गए उद्यान,वानिकी, पशुपालन,लघु सिंचाई आदि कार्यों में खर्च हुई धनराशि का ब्यौरा प्रस्तुत किया। ब्लॉक प्रमुख पीतांबर पांडे ने योजना को मील का पत्थर करार देते हुए उम्मीद जताई की अपनी कार्यअवधि तक परियोजना शतप्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त करेगी।
दन्या यूनिट हैड हरेन्द्र बिष्ट,दीवान सिंह रौतेला,संदीप खत्री,देवेन्द्र सिंह ने अपने अपने क्षेत्रों में कार्य प्रगति की जानकारी दी। यूडीडब्लूपी के उपनिदेशक डा.एसके उपाध्याय ने कहा कि पूरी योजना पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा कि पहले चरण में कृषि और बागवानी आधारित योजनाओं पर कार्य किया अब फ्लोरीकल्चर सहित अन्य आर्थिकी आधारित कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा। इस अवसर पर एमसी भट्ट,पशुपालन अधिकारी डा. सुशील कुमार सिंह, दीपक साह, डीएस रौतेला, शेखर जोशी सहित हरिमोहन भट्ट, मदन भैसोड़ा, नवील सनवाल, दिनेश जोशी, बसंत जोशी,महेश जोशी,रक्षित बिष्ट आदि मौजूद थे।

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