साइबर सुरक्षा पर सरकार का सख्त रुख, पुराने सिम कार्ड को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी

देश में मोबाइल फोन उपयोग करने वालों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। केंद्र सरकार अब पुराने सिम कार्ड्स को लेकर बड़ा कदम…


देश में मोबाइल फोन उपयोग करने वालों के लिए एक अहम खबर सामने आई है। केंद्र सरकार अब पुराने सिम कार्ड्स को लेकर बड़ा कदम उठाने जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में लाखों लोगों को अपना मौजूदा सिम कार्ड बदलना पड़ सकता है। यह फैसला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

सूत्रों के अनुसार, एक हालिया जांच में यह बात सामने आई कि भारत में इस्तेमाल हो रहे कुछ सिम कार्ड्स में ऐसे चिपसेट लगाए गए थे, जो चीन से मंगवाए गए थे। यह जांच राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक (NCSC) और गृह मंत्रालय की संयुक्त टीम द्वारा की गई थी। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि कुछ वेंडर्स ने “विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता” होने का दावा करते हुए चीन से चिप्स आयात किए और उन्हें ऐसे प्रस्तुत किया जैसे वे ताइवान या वियतनाम जैसे भरोसेमंद देशों से आए हों।

इस खुलासे के बाद सरकार ने पूरे मामले की गंभीरता से समीक्षा शुरू कर दी है। टेलीकॉम मंत्रालय और देश की प्रमुख मोबाइल कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई, जिसमें सिम कार्ड की आपूर्ति प्रक्रिया और सुरक्षा खामियों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई। सरकार अब इस दिशा में ऐसी रूपरेखा तैयार कर रही है, जिसके तहत पुराने और संदिग्ध सिम कार्ड्स को बदलने की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

यह पहला मौका नहीं है जब भारत ने टेलीकॉम सेक्टर में चीनी उपकरणों को लेकर सख्त कदम उठाए हैं। इससे पहले हुआवेई और जेडटीई जैसे चीनी कंपनियों पर भी प्रतिबंध लगाया जा चुका है। अब सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि देश में इस्तेमाल होने वाला हर टेलीकॉम उपकरण, चाहे वह सिम कार्ड हो या अन्य नेटवर्क डिवाइस, पूरी तरह से सुरक्षित और प्रमाणित हो।

बताया जा रहा है कि वर्ष 2021 से पहले जारी किए गए सिम कार्ड्स इस जांच के दायरे में आ सकते हैं, हालांकि बाद की आपूर्ति में भी कुछ अनियमितताओं के संकेत मिले हैं। ऐसे में सरकार इस पूरी प्रणाली को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए व्यापक बदलाव की योजना बना रही है।

अगर यह निर्णय लागू होता है, तो करोड़ों मोबाइल उपभोक्ताओं को अपना सिम कार्ड दोबारा बदलवाना पड़ सकता है। हालांकि सरकार फिलहाल पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कर रही है और जल्द ही इस संबंध में विस्तृत दिशानिर्देश जारी किए जा सकते हैं।