मार्केट में ज्यादातर इलेक्ट्रिकल सामान फाइव स्टार हो चुके हैं। इसका मतलब यह होता है कि फाइव स्टार वाले डिवाइस कम बिजली की खपत करते हैं अब इस तर्ज पर स्मार्टफोन टैबलेट भी फाइव स्टार होने वाले हैं।
सरकार अब इन डिवाइस के लिए भी रेटिंग सिस्टम लागू करेगा। इसका उद्देश्य है कि ग्राहकों को यह पता चलेगा कि स्मार्टफोन या टैबलेट कितनी आसानी से रिपेयर हो सकता है।
बताया जा रहा है कि एक सरकारी कमेटी ने हाल ही में मंत्रालय में एक रिपोर्ट दी है जिसमें स्मार्टफोन और टैबलेट पर “रिपेयरबिलिटी रेटिंग” देने का प्रस्ताव रखा गया है। इस रेटिंग से ग्राहक यह जान पाएंगे कि किसी फोन को ठीक कराना कितना आसान या मुश्किल है। इससे उन्हें खरीदारी के समय सही निर्णय लेने में मदद मिलेगी।
इस प्रस्ताव के अनुसार प्रोडक्ट को 5 पॉइंट रेटिंग स्केल पर मापा जाएगा। यह रेटिंग फोन की बैटरी, स्क्रीन, कैमरा, चार्जिंग पोर्ट और स्पीकर को रिपेयर करने में लगने वाले समय और खर्च पर बेस्ड होगी। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि फोन को खोलना कितना आसान है और वह कौन-कौन से टूल्स है जो इसमें इस्तेमाल होते हैं।
स्पेयर पार्ट्स भी कितनी आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं।
शुरुआत में सिर्फ स्मार्टफोन और टैबलेट इस दायरे में आएंगे लेकिन आगे चलकर इसमें लैपटॉप, डेस्कटॉप और अन्य गैजेट्स को भी जोड़ा जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक, उपभोक्ता हेल्पलाइन पर इस विषय में 20,000 से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
आपको बता दे की कमेटी की सिफारिश है कि यह रेटिंग कंपनियों को अपने प्रोडक्ट की पैकेजिंग और अधिकारी वेबसाइट पर स्पष्ट रूप से दिखाना होगा। डिवाइस की जो सर्विस आसान होगी उसे फाइव स्टार रेटिंग दी जाएगी। वही जो सर्विस औसत होगी उसे तीन स्टार रेटिंग मिलेगी।
इस नियम की शुरुआत में सिर्फ स्मार्टफोन टैबलेट कोई शामिल किया जाएगा। फीचर फोंस को फिलहाल अभी इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।