सोमवार को सोने की कीमत में बड़ी गिरावट देखने को मिली है. बाजार खुलते ही सोना सीधे तीन हजार चार सौ रुपये नीचे आ गया. इस गिरावट की वजह अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ को लेकर हुआ ताजा समझौता माना जा रहा है. दोनों देशों ने कुछ समय के लिए एक दूसरे पर लगाए गए टैक्स को रोक दिया है. इसके चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में निवेशकों ने सोने से दूरी बनाना शुरू कर दिया है.
दिल्ली में सोमवार को दस ग्राम सोने का दाम छियानबे हजार पांच सौ पचास रुपये से गिरकर छियानबे हजार एक सौ रुपये पर आ गया. ये गिरावट पिछले दस महीने की सबसे बड़ी गिरावट मानी जा रही है. इससे पहले पिछले साल जुलाई में सोने की कीमत में तीन हजार तीन सौ पचास रुपये की गिरावट दर्ज की गई थी. शनिवार को जो सोना निन्यानवे दशमलव पांच प्रतिशत शुद्धता वाला था उसकी कीमत निन्यानवे हजार पांच सौ रुपये थी जो अब घटकर छियानबे हजार एक सौ रुपये पर आ गई है.
अमेरिका और चीन के बीच बातचीत का असर सीधे सोने के बाजार पर पड़ा है. अमेरिका ने चीन से आने वाले सामान पर लगाया गया टैक्स एक सौ पैंतालीस प्रतिशत से घटाकर तीस प्रतिशत कर दिया है. चीन ने भी जवाब में अमेरिका से आने वाले सामान पर टैक्स को दस प्रतिशत कर दिया है. ये व्यवस्था फिलहाल नब्बे दिनों तक लागू रहेगी. इसके बाद निवेशकों ने सोने की खरीद पर ब्रेक लगा दिया है.
इसी बीच दुनिया में कुछ और घटनाएं भी सामने आई हैं जिन्होंने सोने की मांग पर असर डाला है. रूस और यूक्रेन के बीच जो तनाव चला आ रहा था उसमें अब थोड़ी राहत के संकेत मिल रहे हैं. भारत और पाकिस्तान के बीच भी फिलहाल कुछ नरमी देखने को मिली है. ऐसे माहौल में निवेशकों ने सोने से पैसा निकालना शुरू कर दिया है और मुनाफा बुकिंग की तरफ बढ़ गए हैं.
सोने की गिरावट के साथ साथ चांदी के दाम भी गिरे हैं. चांदी में दो सौ रुपये की कमी दर्ज की गई है और अब इसका रेट निन्यानवे हजार सात सौ रुपये प्रति किलो पर आ गया है. दूसरी ओर डॉलर इंडेक्स में एक दशमलव बयालिस प्रतिशत की मजबूती आई है जिससे डॉलर की ताकत बढ़ गई है.
वैश्विक बाजार में भी सोना तीन प्रतिशत से ज्यादा गिरकर तीन हजार दो सौ अठारह दशमलव सत्तर डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया है.
अब सबकी नजर अगले हफ्ते आने वाले आंकड़ों पर टिकी है. अमेरिका में महंगाई खुदरा बिक्री और उपभोक्ताओं की सोच से जुड़े आंकड़े आने वाले हैं. इसके अलावा अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल क्या बोलते हैं उस पर भी नजर रहेगी. हो सकता है ब्याज दरों को लेकर कुछ और संकेत मिलें.