ब्रह्मोस से प्रलय तक कैसे तय होते हैं भारत की मिसाइलों के नाम ,जो दुश्मन पर बनते हैं कहर, जानिए

Advertisements Advertisements पाकिस्तान में छुपे आतंकियों के अड्डों पर एयरफोर्स ने जब हमला किया तो हर कोई दंग रह गया. ये हमला इतना तेज और…

n66398223417470505961578b46b91b7476768ac6abb1f1a6dad329a98270f5b203b424b7aa7d79c85d4029
Advertisements
Advertisements

पाकिस्तान में छुपे आतंकियों के अड्डों पर एयरफोर्स ने जब हमला किया तो हर कोई दंग रह गया. ये हमला इतना तेज और सटीक था कि एक बार फिर दुनिया को भारत की ताकत का अंदाजा लग गया. इस बार ऑपरेशन सिंदूर के नाम से हुई इस कार्रवाई में ब्रह्मोस मिसाइलें इस्तेमाल की गईं. इन्हें आसमान से राफेल ने छोड़ा. इसके बाद आतंकियों की कई जगहें ध्वस्त हो गईं. जैसे ही ये खबर सामने आई लोग जानना चाहने लगे कि आखिर ये ब्रह्मोस है क्या

ब्रह्मोस भारत और रूस की साझेदारी से बनी एक खतरनाक मिसाइल है. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी को मिलाकर रखा गया है. ये इतनी तेज चलती है कि दुश्मन के पास बचने का मौका ही नहीं रहता. इस मिसाइल को जिस टारगेट पर छोड़ते हैं वो जगह बचती नहीं

अब बात दूसरी मिसाइलों की करें तो भारत के पास अग्नि मिसाइल भी है. इसका नाम इसलिए अग्नि रखा गया क्योंकि इसमें आग जैसी ताकत होती है. बहुत ऊंची दूरी तक मार कर सकती है. इसी तरह एक मिसाइल है पृथ्वी. इसका नाम इसलिए रखा गया क्योंकि ये जमीन से जमीन पर वार करती है. आकाश नाम की मिसाइल ऊपर से वार करती है. यानी जमीन से आसमान में जाकर दुश्मन को गिरा देती है

एक और मिसाइल है प्रलय. इसका काम भी नाम जैसा ही है. जहां गिरे वहां तबाही मचा देती है. अब भारत के पास एस चार सौ नाम का सिस्टम भी है. ये दुश्मन की किसी भी चाल को पहले ही पहचान कर उसे हवा में ही खत्म कर देता है. इसको भारत में सुदर्शन चक्र कहा गया. मतलब श्रीकृष्ण के उस हथियार जैसा जो घूमते हुए दुश्मन को खत्म कर देता था

भारत की मिसाइलों के नाम ऐसे ही रखे गए हैं जो उनके असर से मेल खाते हैं. इन नामों में ताकत भी है और परंपरा की छाप भी. भारत अब मिसाइलों की दुनिया में इतना आगे बढ़ चुका है कि दुनिया का कोई देश मुकाबला नहीं कर सकता