ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर ठगी का जाल, देशभक्ति की भावनाओं को बनाया जा रहा निशाना

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देहरादून से आई एक बेहद चौंकाने वाली जानकारी ने सबको हैरान कर दिया है। ऑपरेशन सिंदूर जो जम्मू कश्मीर में आतंक के खिलाफ भारतीय सेना का एक बड़ा और सफल सैन्य अभियान रहा है अब उसी नाम का इस्तेमाल कुछ साइबर ठग अपने फायदे के लिए करने लगे हैं। खुद को सेना से जुड़ा बताकर ये ठग सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं और लोगों को झांसे में लेने की कोशिश कर रहे हैं। ये लोग दावा कर रहे हैं कि वे पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों और आम नागरिकों के परिवारों की मदद के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं।

ये ठग बाकायदा सोशल मीडिया पोस्ट्स में एक बैंक खाता नंबर और एक क्यूआर कोड साझा कर रहे हैं और लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे देश की सेवा में लगे इन परिवारों की मदद करें। लेकिन असलियत यह है कि भारतीय सेना ने कभी भी सोशल मीडिया या किसी व्यक्तिगत खाते के ज़रिए इस तरह के डोनेशन की अपील नहीं की है। सेना ने भी साफ कर दिया है कि उनका इस तरह की किसी गतिविधि से कोई लेना देना नहीं है।

दून पुलिस की साइबर टीम ने इस फर्जीवाड़े की जानकारी दी है और बताया है कि ये एक संगठित साइबर अपराध है जिसमें लोगों की देशभक्ति की भावना का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। ठग इस बात का फायदा उठा रहे हैं कि ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश में एक भावनात्मक जुड़ाव बना हुआ है। इसी का फायदा उठाकर वे लोगों से पैसे वसूलने की कोशिश में लगे हैं।

साइबर सेल के सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि ठग अब तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। वे फर्जी अकाउंट बनाकर सेना की वर्दी में अपनी तस्वीरें लगाकर लोगों से संपर्क कर रहे हैं। कुछ मामले ऐसे भी सामने आए हैं जहां फर्जी मेल और फिशिंग लिंक के ज़रिए लोगों के सिस्टम तक हैक करने की कोशिश की गई है। उन्होंने बताया कि अगर किसी ने ऐसे लिंक पर क्लिक कर दिया तो उसका फोन या कंप्यूटर पूरी तरह हैक हो सकता है और उसका बैंक अकाउंट तक खाली किया जा सकता है।

अभी तक उत्तराखंड में इस तरह की कोई ठगी की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन साइबर पुलिस लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नजर बनाए हुए है। जहां कहीं से भी ऐसी कोई सूचना मिल रही है उसे गंभीरता से लिया जा रहा है। जल्द ही इस मामले को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी ताकि लोग सतर्क रहें और इन साइबर अपराधियों के झांसे में न आएं।

सबसे खतरनाक बात यह है कि अगर एक दिन में भी देश के दस फीसदी लोग इन पर यकीन कर लेते हैं और पैसे भेजते हैं तो साइबर ठग करोड़ों रुपये का चूना आसानी से लगा सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि ऐसे किसी भी मैसेज पर आंख मूंदकर भरोसा न किया जाए। कोई भी मदद करने से पहले पूरी जानकारी की जांच कर लें और किसी अनजान अकाउंट में पैसे न भेजें। देशभक्ति के नाम पर भावनाओं के साथ खिलवाड़ करने वालों से सावधान रहने की जरूरत है।