चूल्हे की मरम्मत और नया चूल्हा बनाने को मिट्टी लाने के लिए बकुलाही नदी में गई तीन सगी और एक चचेरी बहनों के नहाने के दौरान डूबने से मौत हो गई जिसके पास पूरे गांव में मातम पसर गया और लोगों के घरों में चूल्हा तक नहीं जला।
एक ही परिवार की चार बेटियों की एक साथ मौत हो जाने से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। हर किसी की आंखें नम हो गई। बच्चों की भूख मिटाने को पड़ोसियों ने उनके भोजन की व्यवस्था की चार बेटियों के मौत के गम में उनकी मां देवरानी-जेठानी ने पूरी रात रोते हुए बिताई।
इससे उनकी आंखों में सूजन आ गई। महेश गंज के जलालपुर डिहवा निवासी जीतलाल की तीन बेटियां, उसके भाई पृथ्वीपाल की एक बेटी गुरुवार सुबह गांव के बाहर से निकली बकुलाही नदी में मिट्टी लेने गई थीं।
नदी में मिट्टी निकालने से बने गड्ढे में नहाते समय चारों डूब गईं।
एक ही परिवार की चार बेटियों की मौत के गम में परिवार में किसी के भी घर में चूल्हा नहीं जला। पड़ोसियों ने परिवार के सभी बच्चों के भोजन की व्यवस्था की।
तीन बेटियों को खोने वाली नीतू सरोज और एक बेटी होने वाली रमाकान्ती पूरी रात बेटियों के शव को पास बैठकर रोती रहीं। सुबह देवरानी जेठानी दोनों की आंखों में सूजन आ गई।