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इनसे सीखें -:यह आग ऐसे बुझेगी

उत्तरा न्यूज डेस्क
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अल्मोड़ा :- शीतलाखेत वन क्षेत्र के आस पास के ग्रामीण इस बार भी जैवविविधता वाले वन को बचाने के लिए भगीरथ प्रयास में जुटे हैं, जहां शरारती तत्व जंगल को खाक करने की साजिश रच रहे हैं वहीं ग्रामीणों की जीवटता जंगल को बचाने की राह बता रही है, शुक्रवार की यह घटना वास्तव में ग्रामीण लोगों की जीवटता का प्रतीक है जिसे धारावाहिक कहानी के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है |

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……शुक्रवार को दिन में जब शीतलाखेत वन क्षेत्र के निकट खरकिया गांव के नजदीक जंगल में किसी शरारती तत्व ने आग लगा दी और वन विभाग के सभी कार्मिक शीतलाखेत से 15 किलोमीटर दूर डोबा वन पंचायत में लगी आग को बुझाने गई हुई थी तो आम जनता ने आग को नियंत्रित करने के लिए मोर्चा संभाला।खरकिया के ही युवा पूरन सिंह, रमेश सिंह के साथ मटीला गांव के गोपाल सिंह, सांसद प्रतिनिधि बिपिन पाठक, हेम पाठक, तनुज गोस्वामी, पूरन सिंह नेगी, बिहारी लाल ने आग को बेकाबू होने से रोका. वन कर्मियों की गैर मौजूदगी में यदि इन लोगों ने आग को नियंत्रित करने के प्रयास आरंभ नहीं किए होते तो न केवल आग बहुत बडे़ वन क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लेती वरन लीसा डिपो को भी खतरा पैदा हो गया था। बाद में वन विभाग के कुबेर, आनंद परिहार, रंजीत सिंह, संजय, दर्शन सिंह के साथ मटीला के सरपंच चंदन भंडारी, धामस के पूर्व प्रधान खीम सिंह, गजेंद्र कुमार पाठक, गणेश पाठक ने भी आग को नियंत्रित करने में सहयोग किया तो देर शाम को आग पर नियंत्रण पा लिया गया।

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शीतलाखेत क्षेत्र में वन विभाग की तत्परता तथा जन सहयोग से आग लगने की घटनाओं को कम समय में ही नियंत्रित कर दिया जा रहा है जबकि अन्य वन क्षेत्रों में कई दिनों तक आग लगने पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। यहां वन कर्मियों की सक्रियता की प्रशंसा की जा रही है।