पिछले एक वर्ष से दिल्ली के बार्डरों पर तीन कृषि कानूनो (Three Farm Laws) को वापस लिये जाने की मांग को लेकर आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे किसानों को बड़ी जीत मिली है। प्रधानमंत्री मोदी ने तीनो विवादास्पद कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है। इस कदम को 2022 में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
गौरतलब है कि विवादास्पद कृषि कानूनो को लेकर किसानों (Farmers Protest) ने पिछले वर्ष 25 नवंबर से किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान किया था और विभिन्न बार्डरो पर उन्हे पुलिस ने रोक दिया था। किसानो के दिल्ली कूच के दौरान हरियाणा से लगे दिल्ली के समीप सिंघु बार्डर,टिकरी बार्डर, दिल्ली से लगे गाजीपुर बार्डर और राजस्थान हरियाणा सीमा से लगे शाहजहापुर बार्डर पर किसानो को रोक दिया गया था। इसके बाद किसानो ने बार्डर पर ही डेरा जमा लिया था और ठंड, बारिश और लू के बीच किसानो का यह आंदोलन जारी था।
उत्तर प्रदेश में कई योजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम और लोकार्पण कार्यक्रम के लिये जाने से पहले पीएम मोदी ने इन तीनो कृषि कानूनो को वापस लिये जाने का ऐलान किया। पीएम ने कहा कि “मैंने अपने पांच दशकों के कामकाज के दौरान किसानों की मुश्किलें देखी हैं, और जब देश ने उन्हे प्रधान मंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया.”
PM Narendra Modi ने प्रकाश पर्व के मौके पर आज देश को संबोधित करते हुए यह बात कही। पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों (Three Farm Laws) को वापस लेने की घोषणा करते हुए कहा कि वह किसानो की समस्याओं को समझते है। और तीनो कृषि कानूनो को सरकार वापस लेने जा रही है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनकी सरकार किसानों को तीनों कृषि कानूनों के फायदे बताने में सफल रही है जिस कारण वह कानूनों को वापस ले रहे हैं। बताया कि शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को वापस लिए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। प्रधानमंत्री के बयान के बाद राकेश टिकैत ने कहा है कि यह आंदोलन (Farmers Protest) तुरंत समाप्त नहीं होगा।