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पिथौरागढ़ – सड़कों पर सैलाब, घरों में मलवा,धारचूला में अतिवृष्टि(excess rain) का कहर , महिला की मौत

उत्तरा न्यूज डेस्क
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Pithoragarh – Inundation on roads, debris in homes, havoc of excess rain in Dharchula, woman died

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पिथौरागढ़, 28 जुलाई 2020- अतिवृष्टि (excess rain)से धारचूला विकासखंड के विभिन्न हिस्सों में सोमवार रात भारी तबाही मच गई, इस अतिवृष्टि (excess rain)में एक महिला की जान जा चुकी है.

क्षेत्र में अनेक मकान और दुकान ध्वस्त हो गए और कई खतरे की जद में आ गए.मलबे में दबकर एक महिला की मौत हो गई, जबकि कई मवेशियों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है.

इस आपदा के दौरान दर्जनों लोग विभिन्न जगहों पर फंस गए.अतिवृष्टि से जौलजीबी-मदकोट व मुनस्यारी को जोड़ने वाला बीआरओ का एक पुल भी ध्वस्त हो गया है, जिससे इलाके के अनेकों गावों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है.

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पुल टूटने से विभिन्न आपदा प्रभावित इलाकों में राहत एवं बचाव दलों को पहुंचने में भी काफी कठिनाइयां आ रही हैं. भारी बारिश के बाद नदी-नालों ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया, जिसकी चपेट में आकर अनेक छोटी पुलिया, पैदल रास्ते भी साफ हो गए जबकि कुछ वाहन भी बह गए.

अतिवृष्टि (excess rain)बनी आफत

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पिछले कुछ दिनों से लगातार आपदा की मार झेल रहे सीमांत जिले पिथौरागढ़ के लिए सोमवार की रात भी आफत बनकर आई. इस दौरान जिला मुख्यालय से लगभग 80-90 किलोमीटर दूर धारचूला तहसील और बंगापानी उप तहसील के बरम, मेतली, चामी और लुम्टी-मोरी आदि क्षेत्रों में अतिवृष्टि का कहर टूट पड़ा.

बरम के पास मेतली गांव में महिला राधा देवी पत्नी श्याम सिंह भूस्खलन की चपेट आ गई ओर उनका मकान भी ध्वस्त हो. मलबे में इस परिवार के कुछ मवेशियों के भी दबे होने की सूचना है. अपराह्न में ग्रामीणों ने मलबे से राधा देवी का शव बरामद कर लिया। क्षेत्र में भारी नुकसान की सूचना है.

 बरम से करीब 2 किमी दूर चामी ग्राम पंचायत में भी अतिवृष्टि(excess rain) और भूस्खलन से काफी तबाही मची है.

जिलाधिकारी डा.वीके जोगदंडे के अनुसार यहां काफी लोगों के फंसे होने की सूचना है , जिन्हें सुरक्षित स्थानों में पहुंचाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चामी से आगे लुम्ती में दो साल पहले बना 20 से 25 मीटर लंबा भी पूरी तरह ध्वस्त हो गया है. गोसी गाड़ में इस आरसीसी पुल को बीआरओ ने तैयार किया था. यह पुल जौलजीबी से मदकोट और मुनस्यारी को जोड़ता है. पुल टूटने से पूरे इलाके के लगभग एक सौ गांव का जिला से भी संपर्क टूट गया है, क्योंकि यह पुल इलाके को जिला मुख्यालय से भी जोड़ता है.

 अतिवृष्टि से खुमती-कालिका मार्ग पर पड़ने वाले खुमती नाले ने भी रौद्र रूप ले लिया, जिससे खुमती में सड़क किनारे खड़े किए गए एक जीप और दो दोपहिया वाहन बह गए। यहां एक ढाबा भी बह गया और दो मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। वहीं गलाती गाड़ किनारे बना पूर्व प्रधान मदन सिंह बिष्ट का एक रेस्टोरेंट भी ध्वस्त होकर नदी में बह गया। गलाती पुल के पास दुकान व मकानों को भी नुकसान होने की सूचना है.

हर जगह दिखा अतिवृष्टि (excess rain)का अत्याचार

 इसके अलावा मोरी गांव-तल्ला मोरी तथा बलुवाकोट के थौड़ा तोक में भी काफी नुकसान हुआ है. यहां अनेक घरों के आंगन ध्वस्त हो गए हैं और कई घर खतरे की जद में गए हैं.लुमती बगीचा बगड़ मेंं खतरे के चलते अनेक लोग घर खाली कर रहे हैं. टोकडी गाड़ में मेतली क्षेत्र को जोड़ने वाले सभी पैदल पुल बह गये है.

जारा जिबली में भूस्खलन नुकसान की सूचना है. दूसरी ओर बीआरओ का पुल बहने से राहत  बचाव के लिए आ रहे दलों और प्रशासन की टीम को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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