उत्तराखंड में नैनीताल के ओखल कांडा स्कूल में साथ-साथ शिक्षकों के इकलौती छात्र के फेल होने के मामले से सभी शिक्षकों को एडवर्स एंट्री दी जाएगी।
स्कूल के वरिष्ठ सहायक को भी एडवांस एंट्री दी जाएगी स्कूल के प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार छीनकर निकटवर्ती अटल उत्कृष्ट जीआईसी पतलोट के प्रधानाचार्य को दे दिए गए हैं।
महानिदेशक शिक्षा झरना कमठान ने कहा कि कुछ समय पहले छात्र के फेल होने की नैनीताल के सीईओ गोविंद जायसवाल ने जांच कराई थी। उन्होंने अपनी रिपोर्ट भी दे दी और बताया कि स्कूल के सभी शिक्षकों के बीच परस्पर समन्वय का अभाव रहा है।
शिक्षक भी शिक्षण अधिगम के प्रति उदासीन है। यही वजह है कि कक्षा 6 से 10 तक में पढ़ रहे बाकी 12 बच्चों का शैक्षिक स्तर भी अच्छा नहीं है। जांच में यह भी कहा गया कि शिक्षकों की इस तरह का व्यवहार आगे भी बच्चों के भविष्य पर पड़ सकता है।
दसवीं कक्षा के एकमात्र छात्र के फेल होने के मामले में जांच अधिकारी ने कहा कि बच्चा पढ़ने लिखने में अत्यधिक कमजोरी है। वह लगभग विशेष आवश्यकता वाले बच्चों की तरह है। शिक्षकों ने स्कूल में पढ़ाने में जरा भी गंभीरता नहीं ली। इस वजह से छात्र संख्या भी काम है और शैक्षिक स्तर भी कमजोर हो गया है।
महानिदेशक ने बताया कि सीईओ ने प्रधानाचार्य के वित्तीय अधिकार हटा दिए हैं। सीईओ ने सभी शिक्षकों और विभागीय कार्यों में लापरवाही के लिए वरिष्ठ सहायक को शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिये एडवर्स एंट्री देने की सिफारिश की है। उसे लागू किया जा रहा है।
महानिदेशक-शिक्षा झरना कमठान ने बताया कि उत्तराखंड के सभी शिक्षकों, प्रधानाचार्यों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि स्कूल में पठन पाठन और अन्य विद्यालयी गतिविधियों में लेशमात्र भी लापरवाही न करें।
यदि भविष्य में इस प्रकार का कोई प्रकरण सामने आया तो तो सबंधित शिक्षक, प्रधानाचायों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।