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सावधान:- हाई प्रोफाइल नशे की चपेट में स्थानीय युवा पीढ़ी बन रही टारगेट

उत्तरा न्यूज डेस्क
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‌पहाड़ के युवाओं को बनाया जा रहा है नशे का आदी
‌मैदानी रास्तों से हो रही है पहाड़ों में नशीले पदार्थों की सप्लाई तस्करी रोकने के पुख्ता नहीं हैं इंतजाम

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क्राइम रिपोर्टर उत्तरा न्यूज:-
कुमाऊं के द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी से लेकर पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, बागेश्वर और चम्पावत जिले नशे की गिरफ्त में हैं। एजेंटों के मार्फत पहाड़ की युवा पीढ़ी को नशे के कारोबार में लाने की कोशिश की जा रही है। परिवार तबाह कर रहे इन नशे के सौदागरों ने युवाओं को टारगेट बनाकर अनेक नगरों से लेकर गांव कस्बों तक में अपनी जडे़ं जमा लीं हैं। युवाओं को टारगेट बनाने के मकसद से यहां प्रतिबंधित स्मैक का धंधा फल-फूल रहा है।खासकर नशे के रूप में ली जाने वाली खांसी की दवा कोरेक्स के अलावा सफेदा, थिनर, बाम सहित ड्रग्स, शराबखोरी, स्मैक और चरस के रूप में समूचे पहाड़ में नशे के कारोबार का ग्राफ दिनों दिन बढ़ता जा रहा है। जिससे समाज की जड़ें खोखली कर रहा यह जहर धीमे-धीमे पहाड़ की फिजा में जहर घोलने का काम कर रहा है। अभिभावकों की लगातार शिकायतों के बाद भी पुलिस और प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहे नशे के कारोबारी बेखौफ धंधा चला रहे हैं। युवाओं पर अधिकांशतः पुलिस और प्रशासन एकाएक हाथ डालने से परहेज करता है। यही एक वजह है कि नशे के सौदागर इस दलदल में छोटे से लालच के चक्कर में किसी भी युवा को आसानी से अपने गिरफ्त में ले लेते हैं।
पिछले पांच वर्षों में कुमाऊं के इन जिलों में अनेक ऐसे हाई प्रोफाइल नशे के मामले सामने आए हैं जिनमें अधिकतर युवा पीढ़ी में बढ़ रहे नशे की शिकायत को लेकर पुलिस ने बड़े पैमाने पर छापेमारी अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान अनेक बच्चों और युवाओं को नशा करते हुए पकड़ कर थाने तक पहुंचाने के बाद अभिभावकों को थाने में बुलाया और हिदायत देकर छोड़ा भी था। अभिभावकों की शिकायत है कि पुलिस मैदानी राज्यों से हो रही नशे की तस्करी को रोकने में नाकाम साबित हो रही है। जिसका फायदा नशे के कारोबारी सरेआम पहाड़ के युवाओं को टारगेट बनाकर उठा रहे हैं।

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