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दून यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में पहुंची द्रोपदी मुर्मु, 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को दिया स्वर्ण पदक

Newsdesk Uttranews
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दून विश्वविद्यालय के तीसरे दीक्षांत समारोह में पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने बीते दिन यानि शुक्रवार 9 दिसंबर को उन्होने 36 मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक दिया। 9 दिसम्बर को आयोजित दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु ने विश्वविद्यालय के 669 विद्यार्थियों को डिग्री ​दी जिसमे साल 2021 के ग्रेजुएशन,पोस्ट ग्रेजुएशन और पी.एच.डी के ​सभी छात्र शामिल थे। 36 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक दिए गये। इन 36 विद्यार्थियों में 24 छात्राएं शामिल है।

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इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि दून इविश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भाग लेकर उन्हें बहुत खुशी है। डिग्री और मेडल प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को बधाई देते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि आज विद्यार्थियों का एक सपना पूरा हो रहा है।

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इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने विश्वविद्यालय में ’सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी चेयर के बारे में जानकारी देते हुए कि कहा कि यह जो राज्य के विकास के लिए नीति-निर्माण और क्षमता विकास के लिए समर्पित है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का जीवन संघर्षमय रहा है। कहा कि उनका जीवन संघर्ष के साथ साथ महिलाओं लिए भी प्रेरणा देने वाला है।


सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को राज्य में लागू करने का निर्णय लिया है। कहा कि दून विश्वविद्यालय के लिये नई राष्ट्रीय शिक्षा का ​इसलिए भी महत्व है कि दून विश्वविद्यालय उत्तराखण्ड का एक ऐसा विश्वविद्यालय है जहां पर विदेशी भाषाओं जैसे जापानी, फ्रेंच, जर्मन, चीनी तथा स्पेनिश में ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और पीएच०डी० कोर्स संचालित किये जा रहे हैं। कहा कि इससे छात्र ना केवल अंतराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों की भाषा, संस्कृति को समझ रहे बल्कि इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे है।


इस मौके पर उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सभी विद्यार्थियों को बधाईयां देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करना वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है।कहा कि उत्तराखण्ड 5 लाख से अधिक विद्यार्थी उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, इसमें से 65 प्रतिशत बालिकाएं हैं। कहा कि 2025 तक राज्य को पूर्ण साक्षर ,क्षय रोग मुक्त उत्तराखण्ड, नशा मुक्त उत्तराखण्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। वैज्ञानिक,पद्म विभूषण डॉ० के. कस्तूरीरंगन, दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने भी इस मौके पर अपनी बात रखी। कैबिनेट मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल, सुबोध उनियाल, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं आदि लोग मौजूद रहे।