कोरोना (corona) को पैनिक ना बनाये : मनोचिकित्सक डॉ नेहा शर्मा की राय

Newsdesk Uttranews
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Psychiatrist Dr. Neha Sharma

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फोबिया जैसा कि नाम से ही जाहिर है। एक प्रकार का अंजाना वहम या डर है। जो वास्तविक में होता नहीं पर रोगी के मन में घर कर जाता है। ऐसा रोगी अधिकांशत: अपने वहम को ही सच समझ बैठता है। वर्तमान में कोरोना (corona) महामारी के कारण भी लोगों में यह अंजाना भय फैला हुआ है।

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मनोचिकित्सक (Psychiatrist) डॉक्टर नेहा शर्मा का कहना है कि विश्वव्यापी कोरोना (corona) संक्रमण के चलते लोगों में कोरोना से मृत्यु का भय सताने लगा है। जो कि कोरोना फोबिया अथवा डेथ एन्जायटी बनता जा रहा है। वह कहती हैं कि उनके पास रोजाना लगभग 3-4 ऐसे केस आ रहे हैं जो कोरोना (corona) फोबिया या पैनिक अटैक के रूप में होते हैं।

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डॉ. नेहा का कहना है कि इस समय कोरोना (corona) के अलावा वायरल टाइप सर्दी ,जुकाम,खांसी और मौसम में बदलाव के कारण एलर्जी से यह लक्षण देखने को मिलते है। लेकिन हर लक्षण कोरोना नहीं होता है। साधारणतया बदलते मौसम में सर्दी, जुकाम, खांसी और एलर्जी की शिकायत हो सकती है। उन्होंने व्यक्ति को भय रहित होकर कोरोना (corona) से मुकाबला करने की सलाह दी है।

डॉ नेहा शर्मा ने कहा कि अनेक मनोरोगियों में ऐसे लक्षण देखे गये हैं कि वह घबराहट और भावुकता के चलते जल्दी नकारात्मक और भावुक होने लगते हैं जो उस मनोरोगी के इम्यून सिस्टम को तो कमजोर बनाता ही है साथ ही ऐसा व्यक्ति हर समय एक अंजान भय से ग्रसित भी हो जाता है। उन्होने सकारात्मक तरीके से कोरोना का मुकाबल करने की सलाह दी है।


उनका मनोरोगियों को सलाह दी है कि वह इस समय पब्लिक एरिया में जाने से परहेज करें। क्योंकि कोरोना (corona)संक्रमित व्यक्ति से मिलने या संपर्क से फैलता है। इसलिए पूर्ण रूप से सावधानी के साथ कोरोना का मुकाबला करें। और यदि कोरोना के संबंध में पैनिक या फोबिया हो तो अपने आसपास के अस्पताल में जाकर मनोचिकित्सक की सलाह भी जरूर लें।

मनोचिकित्सक (Psychiatrist) डॉ नेहा शर्मा हल्द्वानी में मनसा मानसिक स्वास्थ्य परामर्श क्लीनिक संचालित करती है। इनसे मेल आईडी [email protected] पर संपर्क किया जा सकता है।

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