सुबह की सैर सेहतमंद बनाती है। बहुत से लोग मॉर्निंग वॉक पर जाना पसंद करते हैं और कुछ लोग तो नंगे पांव भी चलते हैं। बड़े बुजुर्ग कहते हैं कि सुबह-सुबह नंगे पांव चलन काफी फायदेमंद होता है।
यह भी कहा जाता है कि 10 मिनट भी अगर नंगे पैर वॉक किया जाए तो कई हेल्थ बेनिफिट होते हैं लेकिन क्या यह सचमुच सही है या फिर सुनी सुनाई बातें हैं। आइए जानते हैं नंगे पैर मॉर्निंग वॉक करना कितना ही है, इससे सेहत पर क्या फर्क पड़ता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि हम सभी की बॉडी में इलेक्ट्रिक एनर्जी होती है जब नंगे पैर जमीन पर हम चलते हैं तो इलेक्ट्रिक एनर्जी शरीर में पहुंचती है जिससे हड्डियां मजबूत होती है और कई बीमारियां दूर हो जाती हैं। इसलिए सुबह के समय वॉक करना लाभकारी होता है।
नंगे पैर मॉर्निंग वॉक के फायदे
पैरों की मांसपेशियों को मजबूती
जब हम नंगे पैर चलते हैं तो हमारे पैरों की मांसपेशियां सक्रिय हो जाती हैं। जूते पहनने से हमें ज्यादा सपोर्ट मिलता है लेकिन नंगे पैर से हमारी मांसपेशियां पूरी ताकत से काम करती हैं और मजबूत बनती है।
ब्लड सर्कुलेशन में सुधार
नंगे पैर वॉक करने से पैरों में ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छा बनता है जब हम जूते पहनते हैं तो ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट होती है लेकिन नंगे पैर में खून का बहाव तेज हो जाता है जिससे शरीर के कई हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचती है।
अर्थराइटिस और जोड़ों के दर्द में राहत
नंगे पैर चलने से जोड़ों में लचीलापन आता है और आर्थराइटिस जैसी समस्याओं से भी राहत मिलती है। यह शरीर को प्राकृतिक तरीके से ठीक करने का मौका देता है।
नेचुरल हेल्थ थेरेपी
पैरों के नीचे शरीर के अंगों के लिए सेंसेटिव पॉइंट बिंदु होते हैं, जिन्हें एक्यूप्रेशर कहते हैं। नंगे पैर चलने से इन पर दबाव पड़ता है, जिससे शरीर के अलग-अलग अंगों को फायदा होता है। इससे मानसिक शांति मिलती है और तनाव भी कम होता है।
मूड और एनर्जी का लेवल बेहतर होता है
नंगे पर चलने से ताजगी का एहसास होता है और मूड भी अच्छा हो जाता है जब जमीन के संपर्क में आते हैं तो शरीर में एंटीऑक्सीडेंट पर प्रभाव पड़ता है जिससे एनर्जी लेवल बढ़ता है और तनाव कम हो जाता है।
संतुलन और को-ऑर्डिनेशन में सुधार
नंगे पैर चलने से आपके शरीर के संतुलन में सुधार होता है. यह आपकी मांसपेशियों को बेहतर तरीके से काम करने का मौका देता है, जिससे आपका को-ऑर्डिनेशन और संतुलन दुरुस्त रहता है। यह एक बेहतरीन प्रैक्टिस है, खासकर उन लोगों के लिए जो उम्र के साथ संतुलन में परेशानी महसूस करते हैं।