shishu-mandir

कानून बनने तक जमीन की लूट की छूट न दें मुख्यमंत्री- एडवोकेट कापड़ी

Newsdesk Uttranews
2 Min Read
Screenshot-5

d3cb0d3a42229030f467f530781662de

new-modern
gyan-vigyan

पिथौरागढ़। उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में भू-माफिया और बाहरी लोगों द्वारा जमीनों की अंधाधुंध खरीद फरोख्त पर सरकार को अध्यादेश लाकर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है। यह बात यहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व दर्जा मंत्री एडवोकेट रमेश कापड़ी ने कही। 

saraswati-bal-vidya-niketan

उन्होंने कहा कि उत्तराखंडी समाज, संस्कृति और पर्यावरण के संरक्षण तथा विकास के लिए सरकार को जल्द ठोस कदम उठाना चाहिए। नगर के एक होटल में पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता कापड़ी ने कहा कि सोशल मीडिया पर पिछले दिनों राज्य के  नौजवानों ने उत्तराखंड मांगे भू कानून अभियान चलाया, लेकिन वह कानून कैसा हो इस पर बात स्पष्ट नहीं थी। इस मामले पर मुख्यमंत्री ने भी लोगों को आश्वासन देते हुए कहा कि वह राज्य में भू कानून के लिए एक समिति का गठन कर रहे हैं। 

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि जब तक यह समिति रिपोर्ट देगी और कोई कानून बनेगा, क्या तब तक बाहरी लोगों को यूं ही जमीनों की अंधाधुंध खरीद फरोख्त और संसाधनों की लूट की इजाजत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह नैनीताल, देहरादून, अल्मोड़ा आदि जिलों में माफियाओं ने बेहिसाब जमीनें खरीद वहां के स्थानीय लोगों को ही बेदखल होने की स्थिति में पहुंचा दिया है, ऐसा पूरे राज्य में हो जाएगा और यह अलग उत्तराखंड राज्य की अवधारणा को ही पूरी तरह समाप्त कर देगा। 
 
एडवोकेट कापड़ी ने कहा कि पहाड़ी क्षेत्र में कृषि इसीलिए खत्म हो रही है क्योंकि चकबंदी की उचित व्यवस्था नहीं हुई है। यह पलायन का भी प्रमुख कारण है। उन्होंने इस संदर्भ में हरीश रावत सरकार के समय पर्वतीय क्षेत्र के लिए लाए गए चकबंदी और भूमि व्यवस्था अधिनियम को लागू करने तथा पर्वतीय इलाकों में भूमि की खरीद पर अंकुश के लिए तत्काल अध्यादेश लाने की मांग मुख्यमंत्री से की है।