विमान में सहयात्री पर लगातार घूरने का आरोप लगाते हुए एक महिला यात्री ने उसे पर एफआईआर दर्ज कर दी जिसे इस मामले के 1 वर्ष बाद हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया।
हाई कोर्ट ने निर्णय दोनों पक्षों के बीच में समझौते के आधार पर लिया। न्यायमूर्ति रवींद्र डुडेजा की पीठ ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है और इसे लंबा खींचने से कोई फायदा नहीं है।
महिला यात्री की तरफ से दर्ज की गई FIR को रद्द करने के लिए सहयात्री की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दी गई थी। जिस पर सुनवाई की गई।
महिला यात्री ने अदालत में कहा कि उसने याचिका कर्ता सहयात्री के साथ बिना किसी दबाव के मामले को सुलझा लिया है। महिला यात्री के बयान को रिकॉर्ड करते हुए दोनों पक्षों के बीच मामला सुलझाने के कारण अब FIR को जारी रखने से कोई फायदा नहीं होगा।
महिला यात्री ने आरोप लगाया था कि 28 मई 2024 को इंदौर से दिल्ली की फ्लाइट में यात्रा कर रही थी। इस दौरान याचिकाकर्ता सह-यात्री ने उसे लगातार घूरकर असहज कर दिया था।
दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश अधिवक्ता ने पीठ को बताया था कि समझौते के मद्देनजर अगर एफआईआर और आरोपपत्र को रद कर दिया जाता है तो कोई आपत्ति नहीं है।