जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग का फैसला:: बीमा कंपनी को देनी होगा बीमित गाय की बीमा राशि, मानसिक वेदना क्षतिपूर्ति और वाद व्यय भी देना होगा

Advertisements Advertisements अल्मोड़ा:: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक अहम फैसले में उपभोक्ता(परिवादी) को बीमा कंपनी को बीमित गाय की बीमा राशि का भुगतान…

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अल्मोड़ा:: जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक अहम फैसले में उपभोक्ता(परिवादी) को बीमा कंपनी को बीमित गाय की बीमा राशि का भुगतान 45 दिनों के बीच करने के आदेश दिये है।

यही नहीं आयोग ने उपभोक्ता(परिवादी) को मानसिक वेदना क्षतिपूर्ति और वाद व्यय भी दिये जाने के आदेश दिये हैं।


अपने फैसले में आयोग ने बीमा कंपनी न्यू इंडिया इश्योरेंस को फलसीमा निवासी (परिवादी) भाष्कर बिष्ट को बीमित गाय की बीमित धनराशि 35000 का एकमुश्त भुगतान करने, मानसिक क्षतिपूर्ति वेदना के 10 हजार और वाद व्यय के रूप में 5हजार रुपये का भुगतान करने को कहा है।

आयोग ने साफ किया है कि 45 दिनों के मध्य इस सभी निर्णयों में वर्णित राशि का भुगतान यदि बीमा कंपनी नहीं करती है तो परिवाद किये  जाने की तिथि से उसे उपभोक्ता को 8 प्रतिशत साधारण ब्याज भी देना होगा और आदेश का अनुपालन नहीं होने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।


जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष रमेश कुमार जायसवाल, सदस्य सुरेश चन्द्र कांडपाल और सदस्य विद्या बिष्ट की ओर से विवाद के परिशीलन के बाद यह आदेश दिये गये। परिवादी की ओर से अधिवक्ता आजाद खान ने प्रबल पैरवी की।


यह परिवाद परिवादी भाष्कर बिष्ट की ओर से  13 दिसंबर 2022 को दायर किया गया था।  उन्होंने विपक्षी(बीमा कंपनी) से गाय की कीमत 50 हजार,दूध बेचने से होने वाली आय की हानि 25 हजार और वाद व्यय रूपया 25 हजार तथा मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु 25 हजार रूपये दिलवाये जाने के लिए परिवाद प्रस्तुत किया था। परिवादी का कहना था कि उन्होंने 50 हजार रूपये में बैंक ऋण लेकर एक गाय खरीदी थी। उक्त गाय न्यू इंडिया इंश्योरेंश कंपनी से बीमित थी। बीमा की बैधता मार्च 2022 तक थी। लेकिन 31 मार्च को उसकी बीमित गाय जंगल में घास चरने गयी थी जहां उसे बाघ ने मार दिया। परिवादी का कहना था कि उसने इसकी सूचना, बीमा पॉलिसी की एक प्रति और डॉक्टर की रिर्पोट के सहित बीमा कंपनी को दी परन्तु कंपनी ने क्लेम का भुगतान करने से इंकार कर दिया। परिवादी ने इसके बाद बीमा कंपनी को एक पत्र भी लिखा और इसके बाद अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिश भी भिजवाया लेकिन बीमा कंपनी ने उनका भुगतान नहीं किया इसके बाद उन्होंने कंपनी के खिलाफ परिवाद दायर कर दिया।
मामले का परिशीलन और दस्तावेजों के परीक्षण और पत्रावली के अध्ययन और साक्ष्य अवलोकन के बाद आयोग ने इस मामले में उक्त आदेश पारित किये। जिसमें गाय की बीमित धनराशि के 35 हजार रुपये का एकमुश्त भुगतान करने,मानसिक वेदना क्षतिपूर्ति के हेतु 10 हजार और वाद व्यय हेतु 5 हजार रुपये का भुगदान 45 दिनों की समय सीमा के भीतर करने के आदेश दिये।