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बड़ी खबर- सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोडा के कुलपति प्रो. नरेंद्र सिंह भंडारी की नियुक्ति निरस्त

Newsdesk Uttranews
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अल्मोडा। उत्तराखंड हाइकोर्ट ने आज बड़ा फैसला सुनाते हुए सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के नवनियुक्त प्रथम कुलपति प्रो. एनएस भंडारी की नियुक्ति को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने दायर जनहित याचिका पर यह निर्णय सुनाया गया है।

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कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद कुलपति की नियुक्ति को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नियमावली के विरुद्ध पाते हुए नियुक्ति को निरस्त कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि उन्होंने यूजीसी की नियमावली के अनुसार दस साल को प्रोफेसरशिप नही की है।

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मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान व न्यायमुर्त्ति एनएस धनिक की खण्डपीठ में हुई। देहरादून निवासी रविन्द्र जुगराण ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के नवनियुक्त वाइस चान्सलर एनएस भंडारी की नियुक्ति यूजीसी के नियमावली को दरकिनार करके कर दी गयी है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि यूजीसी की नियमावली के अनुसार वाइस चान्सलर नियुक्त होने के लिए दस साल की प्रोफेसरशीप होनी आवश्यक है जबकि एनएस भंडारी ने करीब आठ साल की प्रोफेसरशिप की है। बाद में प्रोफेसर भंडारी उत्तराखंड पब्लिक सर्विस कमीशन के मेंबर नियुक्त हो गए थे उस दौरान की सेवा उनकी प्रोफेशरशीप में नही जोड़ा जा सकता है। इसलिए उनकी नियुक्ति अवैध है और उनको पद से हटाया जाए।