‘ताउते’ ​के बाद चक्रवात (Cyclone) ‘यस’ मचा सकता है तबाही, मौसम विभाग ने इन राज्यों को जारी किया अलर्ट

21 मई 2021 ताउते चक्रवात (Cyclone) के बाद अब चक्रवात यस से तबाही की आशंका के बीच भारतीय ​​तटरक्षक बलो ने अपनी तैयारियां शुरू कर…

21 मई 2021

ताउते चक्रवात (Cyclone) के बाद अब चक्रवात यस से तबाही की आशंका के बीच भारतीय ​​तटरक्षक बलो ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

उत्तरी अंडमान सागर और पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में उठने वाले इस तू​फान से निपटने के लिए ​पूर्वी तट पर तटरक्षक बलों ने तैयारियां शुरू करते हुए तटरक्षक ​​डोर्नियर विमानों और जहाजों, चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को​ स्टैंडबाई में रखा गया है।​

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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के पूर्वानुमान के अनुसार 22 मई के आसपास उत्तरी अंडमान सागर और उससे सटे पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। और बाद में इसके अगले 72 घंटों में एक चक्रवाती तूफान के रूप में तेज होने की संभावना है।

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इस चक्रवाती तूफान के उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 26 मई की शाम को ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों तक पहुंचने की संभावना जताई गई है। चक्रवात ‘यस’ से मुकाबला करने के लिए भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने पूर्वी तट पर एहतियातन उपाय शुरू कर दिए हैं।

ऐसे रखी जा रही है निगरानी

आईसीजी प्रवक्ता के अनुसार सभी तटीय क्षेत्रों, जलयान और विमानन इकाइयों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बंगाल की खाड़ी में मौसम के विकास की बारीकी से निगरानी की जा रही है। तमिलनाडु, पुडुचेरी, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ अंडमान और निकोबार द्वीपों में आईसीजी रिमोट ऑपरेटिंग स्टेशन (आरओएस) लगातार मौसम चेतावनी संदेश दे रहे हैं।

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एमएमबी रेडियो पर अंग्रेजी और स्थानीय भाषा दोनों में नियमित अंतराल पर व्यापारी जहाजों, मछली पकड़ने वाली नौकाओं, मत्स्य सर्वेक्षण, अनुसंधान में लगे जहाजों, तेल रिग, आवास बार्ज, अपतटीय विकास क्षेत्रों (ओडीए) आदि के जहाजों को सतर्क करने के लिए प्रसारण किया जा रहा है।

नौवहन, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को जारी की गई चेतावनी

जहाजों को लंगरगाह में आश्रय लेने और आवश्यक सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी गई है। नैवेटेक्स चेतावनी नियमित रूप से जारी की जा रही है और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नेट (आईएसएन) को सक्रिय कर दिया गया है, ताकि जहाजों को क्षेत्र में आने-जाने की चेतावनी दी जा सके। बंदरगाह प्राधिकरणों, तेल रिग संचालकों, नौवहन, मत्स्य अधिकारियों और मछुआरा संघों को चक्रवात बनने की संभावना के बारे में सूचित कर दिया गया है।​ नावों, जहाजों और स्थिर प्लेटफार्मों की सुरक्षा के लिए निकट संपर्क और समन्वय बनाए रखा जा रहा है।​

चिकित्सा टीम और एम्बुलेंस रखी गई स्टैंडबाई पर

भारत के पूर्वी तट पर मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लागू है, लेकिन इसके बावजूद समुद्र में काम कर रहे मछुआरों को मौसम की चेतावनी प्रसारित करके उन्हें निकटतम बंदरगाह पर लौटने को कहा गया है। आईसीजी ने संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से बंदरगाह में मौजूद मछली पकड़ने वाली नौकाओं का लेखा-जोखा रखने की अपील की है।

संभावित चक्रवात ‘यस’ को देखते हुए तटरक्षक डोर्नियर विमानों और जहाजों, तटरक्षक आपदा राहत दल (डीआरटी), हवा से फूलने वाली नावों को आपदा प्रतिक्रिया कार्य शुरू करने के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया है। चिकित्सा टीमों और एम्बुलेंस को भी तेजी से जुटाने के लिए तैयार रखा गया है।

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