गौरक्षा के नाम पर बवाल करने वाले पुत्रों से सवाल कर रही है यहां लावारिस पड़ी गौ -माता

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा।कोसी पर्यावरण संस्थान के निकट बीते दो सप्ताह से लावारिस हालत में बड़ी घायल की बदहाली पर स्थानीय लोगांें ने गहरा रोष जताया है। अनेक दिनों से गाय की तीमारदारी कर रहे लोगों ने सरकार व गौर सदनों द्वारा गौ रक्षा के नाम पर किए जा रहे प्रचार प्रसार पर सवाल खड़े किए। ज्ञात हो कि एक गाय बीते 10 जून से यहां पर्यावरण संस्थान के निकट लावारिस हालत में सड़क के किनारे पड़ी है। स्थानीय लोेंगों ने इस गाय की सेवा की और उसे घास पानी दिया तथा वनाग्नि से बचाते हुए उसका चिकित्सकों से उपचार भी कराया गया। गाय चोटिल है और पलटने की स्थिति में भी नहीं है। गाय दूध देने वाली है , उसकी परेशानी को देखते हुए बीते दिवस उसका दूध भी निकाला गया। गया किसकी है यह ज्ञात नहीं हो पा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसी क्षेत्र में लगभग 1 किमी दूरी पर वर्षों पूर्व एक गौ सदन बना है लेकिन क्षेत्र में मिलने वाली लावारिस और आवारा गायों के लिए वहां कोई व्यवस्था नहीं है। लोगों ने इस बावत प्रशासन को भी अवगत कराया लेकिन इस गाय को इस स्थान से अन्यत्र सुरक्षित ठिकाना दिलाने के लिए कहीं से प्रयास नहीं हुए। ज्ञात हो कि कोसी क्षेत्र में अनेकों बार लावरिस पशु मिलते हैं और अनेक तेंदूओं आदि का भी शिकार बनते हैं। क्षेत्र के पशु प्रेमी लोेगों ने जिला प्रशासन से तत्काल इस गाय को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर इसका उपचार करने की मांग की है। इसके लिए वे प्रशासन को हर संभव वाहन और आर्थिक सहयोग देने का भी प्रस्ताव दे चुके हैं। स्थानीय लोगों व पर्यावरण संस्थान के डाॅ हर्षित पंत , जसवंत सिंह मेहरा, दिग्विजय सिंह मेहता, अंकित सिंह मेहरा, कमल सिंह भण्डारी , नरेश बिष्ट, पुष्कर कुमार, जगदीश पाण्डे, आशीष जोशी, गोपाल बिष्ट, मोहन सिंह, अरविंद टम्टा आदि ने इस गाय की सुरक्षा की पशु चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों का सहयोग किया।

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