उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संघर्ष में मौत का मुआवजा अब 6 लाख

Newsdesk Uttranews
4 Min Read
प्रतीकात्मक फोटो— उत्तरा न्यूज
Screenshot-5

उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संघर्ष से होने वाली मौत का मुआवजा 6 लाख रूपये हो गया है। पहले यह राशि 4 लाख रूपये थी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में देहरादून सचिवालय में उत्तराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड की 18 वीं बैठक में यह निर्णय लिया गया।

holy-ange-school

अब उत्तराखण्ड में मानव वन्यजीव संघर्ष में मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को 4 लाख रूपये की जगह 6 लाख रूपये अनुग्रह राशि मिलेगी। वही गंभीर रूप से घायल होने पर अनुग्रह राशि को 50 हजार रूपये से बढ़ाकर 1 लाख रूपये कर दिया गया है। बैठक में मानव वन्यजीव संघर्ष में क्षतिपूर्ति के लिए 2 करोड़ रूपये का कॉरपस फण्ड बनाने का निर्णय लिया गया।

ezgif-1-436a9efdef
Compensation for death in human wildlife conflict in Uttarakhand now 6 lakh

बैठक में शिवालिक एलीफेन्ट रिजर्व की पुर्नस्थापना का प्रस्ताव भी पास किया गया।
राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में उत्तराखड में जिम कार्बेट ट्रेल की स्थापना करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में कहा गया कि जिम कार्बेट से जुड़े स्थानों को विश्व पर्यटन के मानचित्र में लाने के लिए पर्यटन विभाग के सहयोग से एक कार्ययोजना बने। कार्बेट ट्रेल में जिम कार्बेट से जुड़े विभिन्न स्थानों पर पट्टिका, ट्रेक मार्गों का जीर्णोधार करने और होम स्टे को बढ़ावा देने की बात कही गयी। मुख्यमंत्री ने चरणबद्ध तरीके से यह काम शुरू करने की बात कही।


बैठक में राजाजी टाइगर रिजर्व में चौरासी कुटिया का अन्तरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार विकास करने, पर्यटन विभाग के सहयोग से यह कार्य किया जायेगा। विधानसभा पुरोला के मोरी में धौला से वरी सेवा डोखरी तक 12.9 किमी मोटर मार्ग, दुगड्डा ब्लॉक के पुलिण्डा-तच्छाली-स्यालिंगा तक 5 किमी मोटर मार्ग का निर्माण करने का भी निर्णय लिया गया। बैठक में योग और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रामबाड़ा में संग्रहालय एवं छोटी लिनचोली में चिन्तन स्थल के निर्माण करने का भी निर्णय लिया गया।


बैठक में सीएम धामी ने कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए और प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए वन विभाग एवं प्रशासन को सामंजस्य से कार्य करने की जरूरत पर बल दिया। कहा कि मानव वन्यजीव संघर्ष की घटना की सूचना मिलने के 15 दिन के अंदर ही पीड़ित परिवार को अनुग्रह राशि मिल जाए।


सीएम धामी ने बुग्यालों के संरक्षण की दिशा में भी विशेष ध्यान देने को कहा। बंदरों से फसलों को होने वाली क्षति को रोकने के लिए प्रभावी प्रयासों की जरूरत जताते हुए सीएम धामी ने इसके समाधान के लिए एक व्यापक कार्ययोजना बनाने को कहा।


बैठक में वन मंत्री सुबोध उनियाल ने जन सहयोग के बिना जंगल नही बच सकते है।कहा कि वनों से लोगों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में और प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वन सम्पदाओं वाला राज्य है और पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखण्ड की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। कहा कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में हिम तेन्दुओं की संख्या 86 से बढ़कर 121 पहुंच गयी है।


बैठक में विधायक रेनू बिष्ट,राम सिंह कैड़ा, अनिल नौटियाल,मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु,प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल,मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा,एडीजी श्री वी. मुरूगेशन आदि मौजूद रहे।

Joinsub_watsapp