सड़क पर पानी छिड़क धूल से निजात पाने की जद्दोजहद में बीत रहा है अल्मोड़ा मालरोड के आस—पास रहने वाले लोगों का दिन

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Citizens are troubled by the dust rising from the road

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सड़क से उठ रही धूल से परेशान हैं नागरिक

Citizens are troubled by the dust rising from the road

अल्मोड़ा—Citizens are troubled by the dust rising from the road— अल्मोड़ा सहित पूरे उत्तराखंड में इनदिनों सरकारी तंत्र और राजनीतिक दल चुनाव तैयारियों में डटे हैं। जनता से विकास के लिए वोट करने की अपील भी कर रहे हैं।


लेकिन अल्मोड़ा नगर के मालरोड निवासी ​सीवर निर्माण के बाद डामर किये बिना छोड़ दी गई सड़क से उठ रहे धूल और गर्द के गुबार के बीच सांस लेने को मजबूर है।
गर्मी बढ़ने के साथ ही लोगों की मुश्किलें भी बड़ रही हैं और धूल और गुबार एक बड़े हिस्से को अपनी चपेट में ले चुका है। गर्द से बचने के लिए लोगों को कई बार अपने अपने घरों या दुकानों से निकल कर सड़क में पानी की बौछारें छोड़ कर राहत पाने की कोशिशें करनी पड़ रही हैं।

सड़क से उठ रही धूल से परेशान हैं नागरिक


बताते चलें कि अल्मोड़ा में सीवर कार्य के चलते आरा मशीन जाखनदेवी से शिखर होटल के समीप तक कार्य किया गया था। इसके लिए सड़क को खोद कर सीवर लाईन बिछाई गई लेकिन बिना डामरीकरण किये इस सड़क पर यातायात शुरू कर दिया गया है। अब वाहनों के आने जाने के कारण पूरे क्षेत्र में गर्द और धूल का गुबार उठ रहा है जो दिन चढ़ने के साथ ही आस—पास के पूरे क्षेत्र में फैल रहा है।

इससे इस क्षेत्र के नजदीक रहने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामाना करना पड़ रहा है। दुकानों और भवनों में धूल की पर्त जहां गंदगी के चलते उन्हें परेशान कर रही है। वहीं यह उड़ती धूल सांस के माध्यम से लोगों के शरीर में घुस उन्हें बीमारी की ओर धकेल रही है। हालत यह है कि जिम्मेदार विभाग तो सड़क को अपने हाल पर छोड़ कर जा चुका है। राजीनतिक दल चुनावों में व्यस्त हैं और जनता को धूल के गर्द के बीच रहने को मजबूर होना पड़ रहा।

इस समूचे क्षेत्र में लोगों को दिन में कई बार सड़क में उतर पानी का छिड़काव करते देखा जा सकता है। लोग पाइपों या बर्तनों के माध्यम से सड़क पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं कुछ देर ही राहत के बाद हालात फिर पहले की तरह हो जाते हैं। विभाग की अनदेखी और उदासीनता के चलते लोगों कें काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि यदि पानी का छिड़काव नहीं करें तो उनका घरों और दुकानों में बैठना तक मुश्किल हो जायेगा।