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मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को फूलदेई त्योहार की दी हार्दिक बधाई,मुख्यमंत्री आवास में धूमधाम से मनाया गया पर्व

Smriti Nigam
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उत्तराखंड का प्रसिद्ध लोकपर्व फूलदेई बसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। देवभूमि के बच्चे परंपरानुसार सुबह-सवेरे ही अपने गांव, मोहल्ले के घरों में जा कर उनकी देहरियों पर रंगबिरंगे फूलों को बिखेरते हैं और गीत गाते हुए सुख समृद्धि की मंगलकामना करते हैं।

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उत्तराखंड का लोकपर्व फूलदेई मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री ने सपरिवार धूमधाम से मनाया। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में मुख्यमंत्री आवास में रंग बिरंगे परिधानों में सजे बच्चों ने देहरी में फूल व चावल बिखेरकर पारंपरिक गीत ’फूल देई छमा देई, जतुक देला, उतुक सई, फूल देई छमा देई, देड़ी द्वार भरी भकार’ गाते हुए त्योहार की शुरुआत की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

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इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों  को  फूलदेई के त्योहार की हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं देते हुए देश व प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने कहा कि लोक पर्वों का हमारे जीवन में विशेष महत्व है।

फूलदेई त्योहार को फुलारी, फूल सक्रांति भी कहते हैं, यह पर्व प्रकृति से जुड़ा हुआ है। इन दिनों पहाड़ों में जंगली फूलों की भी बहार रहती है। चारों ओर छाई हरियाली और कई प्रकार के खिले फूल प्रकृति की खूबसूरती में चार-चांद लगाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र महीने से ही नववर्ष होता है। नववर्ष के स्वागत के लिए कई तरह के फूल खिलते हैं। उत्तराखंड में चैत्र मास की संक्रांति अर्थात पहले दिन से ही बसंत आगमन की खुशी में फूलों का त्योहार फूलदेई मनाया जाता है।