उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का शुभारंभ आज बारिश के साथ हुआ है। जैसे ही श्रद्धालुओं ने तीर्थ की ओर कदम बढ़ाए, वैसे ही मौसम ने भी अपना रुख बदल लिया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक राज्य के कई हिस्सों में बुधवार से बारिश का सिलसिला शुरू हो गया है, जो आने वाले पांच दिनों तक लगातार जारी रहेगा।
बुधवार को गढ़वाल मंडल के पौड़ी जिले और कुमाऊं के पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चंपावत और नैनीताल जिलों में वर्षा की संभावना जताई गई है। इन इलाकों में गरज-चमक के साथ तेज़ हवाएं चल सकती हैं और बिजली गिरने की भी आशंका है। ऐसे में प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बेवजह घरों से बाहर न निकलें और मौसम की जानकारी के अनुसार ही यात्रा या आवाजाही करें।
इस बार चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ हो रही है। जहां श्रद्धालु एक तरफ आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर हैं, वहीं दूसरी ओर मौसम की सख्ती उन्हें सावधानी बरतने की भी चेतावनी दे रही है। यमुनोत्री धाम में न्यूनतम तापमान -4 डिग्री और अधिकतम 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जबकि गंगोत्री में तापमान 0 से 11 डिग्री सेल्सियस के बीच है। यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को ठंड का विशेष ध्यान रखना होगा।
वहीं केदारनाथ के कपाट दो मई को खुलने जा रहे हैं। इससे पहले ही यहां ठंड ने दस्तक दे दी है। वर्तमान में केदारनाथ में न्यूनतम तापमान -3 डिग्री और अधिकतम 7 डिग्री सेल्सियस तक बना हुआ है। बदरीनाथ धाम की बात करें तो वहां की स्थिति और भी सर्द है। यहां तापमान अधिकतम 4 और न्यूनतम -4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। चार मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे और इसके साथ ही यात्रा पूरी तरह परवान चढ़ेगी।
देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक एक मई से लेकर पांच मई तक राज्य के सभी 13 जिलों में बारिश की संभावना बनी रहेगी। खासतौर पर पांच मई को वर्षा अपने चरम पर रहने की आशंका है, जब 11 जिलों में व्यापक बारिश हो सकती है। ऐसे में चारधाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं से आग्रह है कि वे भारी गर्म कपड़े साथ रखें और मौसम संबंधी जानकारी पर लगातार नजर बनाए रखें।