सीमा सुरक्षा बल का जवान पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 से पाकिस्तान रेंजर्स की हिरासत में थे। आज सुबह लगभग 10:30 बजे पाकिस्तान ने उन्हें भारत को सकुशल सौंप दिया। यह प्रत्यर्पण अमृतसर के अटारी स्थित संयुक्त चेक पोस्ट के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
आपको बता दे कि वह गलती से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। इसके बाद पाकिस्तान रेंजर्स ने उन्हें विरासत में ले लिया था। इस घटना को लेकर भारत में तुरंत पाकिस्तान से उच्च स्तरीय संवाद शुरू किया था और जवान की सुरक्षित वापसी की मांग भी की थी।
सीमा सुरक्षा बल पंजाब फ्रंटियर ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि बीएसएफ जवान पूर्णम कुमार शॉ को आज सुबह 10:30 बजे पाकिस्तान रेंजर्स द्वारा अटारी-वाघा संयुक्त चेक पोस्ट के माध्यम से भारत को सौंपा गया। यह हैंडओवर शांति पूर्ण तरीके से और निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत किया गया।” इस समय उनका परिवार भी मौजूद था।
आपको बता दे की उनकी पत्नी रजनी शॉ गर्भवती है वह अपने पति इसके पाकिस्तान के कब्जे से छुड़वाने के लिए विभिन्न स्तरों पर गुहार भी लग चुकी थी। आखिरकार भारत सरकार ने डिप्लोमैटिक चैनल के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाया और आखिरकार पाकिस्तान को छोड़ना पड़ा।
रजनी ने फिरोजपुर में बीएसएफ के कमांडिंग ऑफिसर से मुलाकात की थी बीएसएफ अधिकारियों ने आश्वासन दिलाया इसके बाद वह अपने बेटे, बहनों और देवर के साथ वापस कोलकाता लौट गई थी।
इससे पहले 5 मई को पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हुगली के बीएसएफ कांस्टेबल के लिए अपनी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी परिवार के सदस्यों के संपर्क में है।
पाकिस्तान रेंजर्स ने 23 अप्रैल को बीएसएफ के जवान को हिरासत में लिया था, जब वह अनजाने में पंजाब के फिरोजपुर के पास अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर गया था। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, जवान अनजाने में पाकिस्तानी क्षेत्र में चला गया था।
बीएसएफ ने अपने जवानों को सीमा पर गश्त के दौरान सतर्क और चौकस रहने की सख्त सलाह जारी की थी।