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बड़ी खबर— एसएसजे परिसर के छात्रसंघ अध्यक्ष गिरफ्तार,परिसर में लागू की धारा 144

Newsdesk Uttranews
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उत्तरा न्यूज अल्मोड़ा। एसएसजे परिसर में छात्रसंघ और परिसर प्रशासन का विवाद के बीच शिक्षकों की शिकायत पर पुलिस ने छात्रसंघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने कॉलेज में शान्ति व्यवस्था हेतु पुलिस बल किया तैनात करते हुए धारा-144 प्रभावी कर दी गयी है।

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घटनाक्रम के अनुसार शुक्रवार को परिसर में छात्रों और परिसर प्रशासन के बीच मांगों को लेकर हुआ आंदोलन आक्रोश और विवाद में तब्दील हो गया है। इस बीच छात्रों ने परिसर में नारेबाजी कर दूसरी पाली की परीक्षा नहीं होने देने का ऐलान कर दिया। तब पुलिस ने बामुश्किल परीक्षा सुचारू कराई।

इधर परिसर के निदेशक प्रो.आरएस पथनी की ओर पुलिस में शिकायत की गई जिसमें छात्र संघ अध्यक्ष दीपक उप्रेती द्वारा उनपर और खुद पर पैट्रोल डालने एवं कालेज में हंगामा कर दबाव बनाने की कोशिश के मामले में शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने कोतवाली अल्मोड़ा में शनिवार को मु0अ0सं0- 54/ धारा- 307,504,285 भादवि वादी परिसर निदेशक प्रो.आरएस पथनी बनाम दीपक उप्रेती (छात्रसंघ अध्यक्ष एसएसजे) पंजीकृत किया गया तथा दीपक उप्रेती को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

एसएसपी पीएन मीणा ने परिसर में फैली इस तरह की अव्यवस्था एवं भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं करने के पुलिस से ठोस कदम उठाने को कहा। इसके बाद सीओ वीर सिंह एसडीएम सीमा विश्वकर्मा, अरूण कुमार वर्मा प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अल्मोड़ा द्वारा परिसर निदेशक, कालेज फैकेल्टी मैम्बर, छात्र संघ पदाधिकारियों एवं छात्रों के साथ एक बैठक का आयोजन करते हुए छात्रों के समस्त मुद्दों पर विस्तृत रूप से चर्चा की गयी।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा कालेज परिसर निदेशक एवं कालेज फैकल्टी सदस्यों को हिदायत दी गयी कि कालेज के छात्र-छात्राओं के उचित माॅगों पर शान्तिपूर्ण तरीके से वार्ता एवं विचार-विमर्श कर समाधान निकाला जाय तथा परिसर में पूर्णरूप से कानून व्यवस्था व शिक्षा का माहौल बनाते हुए पूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया जाय। उन्होंने छात्र संघ पदाधिकारियों एवं छात्रों को आगाह किया गया है कि इस तरह की घटनाओं की भविष्य में न दोहराया जाय। यहां यह भी बताना जरूरी है कि यह पहला मामला है जब​ पद में रहते हुए छात्रसंघ अध्यक्ष ने इस्तीफा दिया हो। दीपक ने शनिवार की सुबह ही अपना इस्तीफा दिया उस समय अन्य पदाधिकारियों ने भी इस्तीफे की घोषणा कर दी थी।

बताते चले कि अल्मोड़ा परिसर संगठक विद्यालय के दौर से ही आंदोलनों का केन्द्र रहा है लेकिन तब यहां अराजकता न तो छात्रों की ओर से होती थी और न ही परिसर प्रशासन की ओर से पहले भी मांगों के लिए आंदोलन कर रहे छात्रों के बीच बहस और आंदोलनों का गवाह यह कॉलेज रहा है। लेकिन पिछले एक दो दशक के बीच कई बार परिसर के मामलों में पुलिस हस्तक्षेप भी बड़ा है और ऐसी घटनाएं भी हुई हैं जो मुद्दों से भटक कर अराजकता की परिचायक रही।

कॉलेज में अराजकता चिंतनीय

एसएसजे परिसर में बहस के दौरान पेट्रोल जैसे पदार्थ का इस्तेमाल करना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है। ना ही इसे सही ठहराया जा सकता है। लेकिन परिसर में छात्रों द्वारा इस प्रकार की गतिविधियां भविष्य के लिए चिंतनीय है। यदि संवादहीनता बढ़ी तो दूरियां बढ़ेगी जिसका कोई हल नहीं निकल पाएगा। क्योंकि यह अल्मोड़ा परिसर ही है जो एक बार एक छात्र की हत्या का गवाह रहा है। बाजार में अभद्रता के आरोप में एक पदाधिकारी को गिरफ्तार होना पड़ा है। अल्मोड़ा कॉलेज के छात्रसंघ रह चुके वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने कहा कि कॉलेज में मुद्दो को लेकर लड़ाई होती रहती है और होनी भी चाहिए। लेकिन ऐसा न हो कि छात्र अराजकता पर आएं या फिर छात्रों पर अराजकता का आरोप लगा कॉलेज प्रशासन हावी हो पाए।