बड़ी खबर: परिसर प्रशासन को हटाया गया तो सभी शिक्षक प्रशासनिक पदों से देंगे त्यागपत्र, एसएसजे में शिक्षकों ने आपातकालीन बैठक में लिया निर्णय, पढ़े पूरी खबर
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना परिसर में छात्रसंघ— शिक्षकों के बीच चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। आज शाम शिक्षकों ने मामले में आपातकालीन बैठक बुलाई। शिक्षकों ने परिसर निदेशक के साथ हुई अभद्रता का विरोध करते हुए कहा कि अगर छात्रसंघ के दबाव में परिसर प्रशासन को हटाया गया तो सभी शिक्षक अपने सभी प्रशासनिक पदों से त्यागपत्र दे देंगे। बैठक में सात दर्जन से अधिक शिक्षकों ने हिस्सा लिया।
बता दे कि छात्रसंघ अध्यक्ष प्रकरण में परिसर प्रशासन को हटाये जाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है। जिसके बाद शिक्षकों ने आज शाम आपातकालीन बैठक बुलाई। बैठक में शिक्षकों व कर्मचारियों ने कहा कि परिसर में इस प्रकार की घटनाएं आम हो गयी है। परिसर में शिक्षकों के साथ अपमान होता जा रहा है। परिसर निदेशक प्रो. आरएस पथनी ने कहा कि परिसर के शिक्षक आज मुश्किल की घड़ी में हैं। मैंने आज तक सभी दायित्वों का निर्वहन ईमानदारी व निष्ठा के साथ किया है। प्रो. पथनी ने कहा कि शिक्षक होने के नाते मैं माफ कर देता लेकिन अध्यक्ष के द्वारा माफी नही मांगी गई। उन्होंने कहा कि वह कई बार विवि प्रशासन को अपना इस्तीफा दे चुके है।
प्रो. एनडी कांडपाल ने कहा कि शिक्षकों का अपमान किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। परिसर में छात्र संघों के द्वारा अनैतिक दबाब बनाया जाता है। ऐसे कृत्यों को कभी भी माफ नही किया जा सकता है। प्रो. बीडीएस नेगी ने कहा कि अभद्रता को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही किया जाना चाहिए। हम शिक्षकों के साथ जो अपमान व माहौल खराब किया जा रहा है। उसकी निंदा की जानी चाहिए। प्रो. भीमा मनराल ने कहा कि जहां छात्रों और शिक्षकों के जो संबंध होने चाहिए लेकिन कुछ छात्रों द्वारा शिक्षकों को निरंतर अपमानित किया जाता है। निरंतर उनके साथ घटनाएं हो रही है जिनसे उनकी गरिमा को नुकसान पहुचा है। जिससे परिसर की छवि धूमिल हुई है। वरिष्ठ प्रोफेसर इला शाह ने कहा कि जिस प्रकार की छवि समाज मे शिक्षकों की बनाई जा रही है उससे समस्त शिक्षक समुदाय बहुत आहत है। अब परिसर के अंदर किन्ही पदों पर कार्य कर पाना संभव नही है।
प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा जो हुआ है वह बहुत गलत हुआ है। कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष देवेंद्र धामी ने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं के विरोध में सभी शिक्षक कर्मचारी एकजुट है। इस प्रकार की घटना निंदनीय है। ऐसे प्रकरणों पर चुप नही रहना चाहिए।
अंत मे सभी शिक्षकों, कर्मचारियों ने निर्णय लिया की यदि किसी दबाब में निदेशक, डीएसडब्लू बोर्ड, प्रॉक्टर बोर्ड को हटाया जाता है तो सभी शिक्षक अपने प्रशासनिक पदों से त्यागपत्र देंगें। कोई भी शिक्षक भविष्य में भी प्रशासनिक पदों पर नही रहेंगे।
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