कर्नाटक के दावणगेरे जिले के एक गांव से सामने आई एक हैरान कर देने वाली घटना ने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है। यह मामला तब सामने आया जब सोशल मीडिया पर एक नाबालिग लड़के के साथ हुई बर्बरता का वीडियो वायरल हुआ। घटना चन्नागिरी तालुक के अंतर्गत नल्लूर के पास स्थित अस्तपनहल्ली गांव की है, जहां हक्की-पिक्की आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक किशोर पर चोरी का आरोप लगाते हुए उसके अपने ही समुदाय के कुछ लोगों ने उसे पेड़ से बांधकर पीटा। वीडियो में यह साफ देखा जा सकता है कि लड़के के साथ न सिर्फ शारीरिक हिंसा की गई, बल्कि उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया गया। आरोप है कि हमलावरों ने उसके शरीर, खासकर संवेदनशील हिस्सों पर लाल चींटियाँ डाल दीं, जिससे उसकी पीड़ा और बढ़ गई।
https://x.com/HateDetectors/status/1909179536991817936?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1909179536991817936%7Ctwgr%5E4ee7b6e03bd7405204b24cbedd3b67c4fa32036b%7Ctwcon%5Es1_c10&ref_url=https%3A%2F%2Fapi-news.dailyhunt.in%2F
यह मामला तब सार्वजनिक हुआ जब मंगलवार को वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैलने लगा। सबसे हैरानी की बात यह रही कि इस अमानवीय हरकत को अंजाम देने वाले खुद उसी आदिवासी समुदाय के बताए जा रहे हैं, जिससे पीड़ित संबंध रखता है। घटना के उजागर होने के बाद दावणगेरे की पुलिस अधीक्षक उमा प्रशांत ने मामले को गंभीरता से लेते हुए चन्नागिरी पुलिस को गांव पहुंचकर जांच करने और पूरी जानकारी जुटाने के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने इस मामले में कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है और दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कदम उठाने की बात कही है। साथ ही प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि चूंकि इस वीडियो में एक नाबालिग शामिल है, इसलिए इसे आगे साझा न किया जाए ताकि पीड़ित को और मानसिक आघात न पहुंचे। इस पूरे प्रकरण ने राज्यभर में आदिवासी अधिकारों और बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक कार्यकर्ता अब सरकार से मांग कर रहे हैं कि आदिवासी समुदायों में कानून की समझ बढ़ाई जाए और इस तरह की ‘विजिलांट’ न्याय प्रणाली पर तत्काल रोक लगाई जाए।