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बड़ी खबर: अल्मोड़ा के मुख्य शिक्षा अधिकारी को घूस लेते हुए विजिलेंस ने रंगे हाथ दबोचा, ये था मामला

UTTRA NEWS DESK
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अल्मोड़ा। मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी को विजिलेंस की टीम ने घूस लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया है। सीईओ ने शिक्षक की जांच निपटाने के लिए रिश्वत मांगी थी। शिकायत पुष्ट पाये जाने के बाद विजिलेंस की टीम ने जाल बिछाकर छापेमारी की। इस दौरान सीईओ को उनके कार्यालय में रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया गया। सीईओ के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विजिलेंस की ट्रेप टीम की खाना तलाशी में सोनी के घर से 1.93 लाख रुपये की नगदी बरामद हुई है।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिक्षक नंदन सिंह परिहार से एक जांच को रफा दफा करने के एबज में सीईओ जगमोहन सोनी ने 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।

पीड़ित शिक्षक ने पूर्व में मामले को लेकर जिला व प्रदेश स्तर के शिक्षक संगठनों से शिकायत की। लेकिन किसी ने उनकी शिकायत का संज्ञान नहीं लिया। जिसके बाद बीते 28 जनवरी को पीड़ित शिक्षक द्वारा विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी में शिकायत की।

विजिलेंस द्वारा मामले की जांच की गई तो शिकायत पुष्ट पाई गई। जिसके बाद शासन से मामले की अनुमति ली गई और मामले में एक ट्रेप टीम का गठन किया गया तथा आरोपी को रंगहाथ पकड़ने के लिए ट्रेप टीम द्वारा जाल बिछाया गया।

एसपी अमित श्रीवास्तव की टीम ने सीईओ जगमोहन सोनी को उनके दफ्तर में आज या​नि बुधवार शाम 4.40 बजे शिकायतकर्ता से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया। शिक्षक द्वारा सीईओ को 5 हजार एडवांस दे दिए गए थे। जबकि शेष 15 हजार देने थे। शिक्षक परिहार तब जीआईसी ढौनी ताकुला में तैनात था।

बता दे कि आरोपी मुख्य शिक्षा अधिकारी जगमोहन सोनी पर एक बार पहले भी रिश्वत लेने का आरोप लगा था। ​बीते वर्ष 26 जनवरी को शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने उन्हें सस्पेंड कराने के आदेश किए थे।

दरअसल शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय 25 जनवरी 2019 को यहां आरतोला स्थित एक होटल में ठहरे हुए थे दूसरे दिन यानि 26 जनवरी को उन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पिथौरागढ़ को रवाना होना था। इस दौरान कुछ ग्रामीणों ने शिक्षा मंत्री से मुलाकात की और जगमोहन सोनी पर अशासकीय स्कूल में शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति निकालने के लिए रिश्वत की मांग किए जाने का आरोप लगाया था।

शिक्षा मंत्री ने मामले में तुरंत एक्सन लेते हुए 26 जनवरी 2019 को तत्कालीन शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख को जगमोहन सोनी को अल्मोड़ा से शिक्षा निदेशालय अटैचमेंट करने के निर्देश दिए थे। अवकाश का दिन होने के बावजूद भी शिक्षा सचिव भूपेंद्र कौर औलख ने सचिवालय पहुंचकर निर्देश जारी किए।

हालांकि बाद में कुछ शिक्षक व कर्मचारी संगठनों से इसे पुष्ट​हीन करार देते हुए इसका विरोध किया और मामले में शासन को पत्र भी भेजे। इसके अलावा जिलाधिकारी अल्मोड़ा नितिन सिंह भदौरिया ने भी सीईओ को रिलीव नहीं किया। जिसके कुछ समय बाद मामला रफा दफा कर दिया गया और सोनी अल्मोड़ा में ही अपनी सेवाएं देते रहे।

इस बार ​सीईओ जगमोहन सोनी रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ दबोच लिए गए। इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। कुछ शिक्षक व स्थानीय लोग अब उन शिक्षक संघ व कर्मचारी संगठनों के सदस्यों पर सवाल उठाने लगे है जिन्होंने शिक्षा मंत्री द्वारा सीईओ को सस्पेंड किए जाने का विरोध किया था।

लोगों का कहना है कि भष्ट्र अधिकारियों पर​ कुछ शिक्षक व कर्मचारी संगठनों की ​दरियादिली भष्ट्र तंत्र को बढ़ावा दे रहा है जिसका असर छात्र—छात्राओं के भविष्य व ईमानदारी से कार्य करने वाले शिक्षकों व कर्मचारियों पर पड़ रहा है। इस प्रकरण के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है।

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