Astrazeneca Vaccine है लोगों के लिए खतरनाक, हो सकती है गंभीर बीमारियां, कंपनी के कबूलनामें से मचा हड़कंप

Smriti Nigam
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Astrazeneca Vaccine Confession: कोविड के समय मे वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों में शामिल एस्ट्रेजनेका ने सोमवार को अदालत में एक कबूल नामा किया और यह कहा कि एस्ट्रेजनेका के कोविड-19 वैक्सीन से शरीर को गंभीर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन ने वैश्विक स्तर पर कोविशील्ड और वैक्सज़ेवरिया ब्रांड नामों के तहत दवाइयां बेची गई थी। इस दवा कंपनी को क्लास-एक्शन मुकदमे का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के सहयोग से विकसित उसके टीके से गंभीर चोटों और मौतों का आरोप लगाया गया है।

कोर्ट में कंपनी ने मानी साइड इफेक्ट होने की बात

बताया जा रहा है कि कोविशील्ड के खिलाफ कई परिवारों ने कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी कि एक्स्ट्राजेनिका की वैक्सीन लगवाने के बाद उन्हें काफी बुरे परिणामों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे में कंपनी के द्वारा स्वीकार किए गए बयान के बाद अब यह लड़ाई याचिकाकर्ता के पक्ष में मुड़ गई है। इतना ही नहीं कंपनी का यह बयान वैक्सीन से जुड़े संभावित खतरों का खुलासा भी कर रहा है।

जेमी स्कॉट के मुकदमे में कंपनी ने दिया कनफेशन

बताया जा रहा है कि इसमें सबसे पहले मुकदमा जेमी स्कॉट की ओर से शुरू किया गया था। अप्रैल 2021 में एस्ट्रेजने का वैक्सीन के बाद दिमाग में उनके स्थाई चोट लग गई थी। उनके केस में थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) या थ्रोम्बोसिस की दिक्कत सामने लाती है जो कि खून में प्लेटलेट काउंट को कम कर खून के थक्के बनाती है। यूके हाई कोर्ट को सौंपे गए लीगल डॉक्यूमेंट्स में एस्ट्राजेनेका ने इस बात को माना है कि बहुत ही रेयर केसों में उनकी वैक्सीन टीटीएस की वजह बन सकती है।

कंपनी ने भले ही वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात स्वीकार कर ली है लेकिन बड़े पैमाने पर उसकी वजह से होने वाले दुष्प्रभावों के दावे का विरोध किया है।

कंपनी को भारी संख्या में करना पड़ सकता है केसों का सामना

बताया जा रहा है कि अब सुरक्षा को देखते हुए  एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड वैक्सीन को अब यूके में नहीं दिया जाता है। हालांकि फ्री रिसर्च में पाया गया है कि इस वैक्सीन ने महामारी से निपटने में अपनी प्रभावशीलता बरकरार रखी है। लेकिन रेयर साइडइफेक्ट्स ने लीगल जांच और कार्रवाई को भी प्रेरित किया है। जानकारी के अनुसार जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही सामने आती रहेगी इससे प्रभावित होने वाले व्यक्ति और उनके परिवार वालों को टीके से होने वाले गंभीर परिणामों के लिए मुआवजे के मामलों का सामना करना पड़ेगा।