डेस्क, 11 मार्च 2020 भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक, स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI) ने अपने खाताधारकों को जहां एक ओर मिनिमम बैलेंस के चार्ज से छुटकारा देकर बड़ी सौगात दी है तो वही, बचत खातों पर ब्याज दर घटाकर बड़ा झटका भी दिया है। मिनिमम बैलेंस के चार्ज के फैसले से एसबीआई के 44.51 करोड़ बचत खाताधारकों को फायदा होगा। इसके अलावा बैंक ने एक और फैसला लिया है। अब एसबीआई(SBI) के ग्राहकों को एसएमएस सेवा के लिए त्रैमासिक आधार पर लगने वाला शुल्क नहीं चुकाना होगा। इसे भी खत्म कर दिया गया है।
भारतीय स्टेट बैंक (SBI)ने सभी बचत खाताधारकों के लिए ब्याज दर फिक्स कर इसे 3 प्रतिशत सालाना कर दिया है। इससे पहले, 1 लाख रुपये के कम के बचत खातों पर 3.25 प्रतिशत सालाना ब्याज बैंक की तरफ से दिया जाता था और जिनके पैसे 1 लाख रुपये से ज्यादा थे उन्हें 3 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता था।
इसके अलावा एसबीआई (SBI)ने बुधवार यानि आज ही एक और घोषणा की है कि बचत खातों में अब न्यूनतम मासिक औसत राशि (एवरेज मंथली बैलेंस) रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यानी हर बचत खाता अब जीरो बैलेंस खाते में तब्दील हो जाएगा। मिनिमम मंथली बैलेंस न होने पर उनसे किसी भी तरह का चार्ज नहीं वसूला जाएगा।
बताते चले कि एसबीआई(SBI) की अलग-अलग श्रेणियों के बचत खाताधारकों को मिनिमम बैलेंस के तौर पर 1000 रुपये से 3000 रुपये तक खाते में रखना होता था। जिसमें मेट्रो सिटी में मिनिमम बैलेंस 3000 रुपये, कस्बों में 2000 रुपये और ग्रामीण इलाके के बचत खाते में न्यूनतम 1000 रुपये रखना होता है।
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