अंकिता भंडारी हत्याकांड: दो साल बाद भी परिजनो को नही मिल सका इंसाफ

Advertisements Advertisements “एक बेटी जो सपनों के साथ घर से निकली थी, आज उसकी मां-बहनें इंसाफ के लिए सड़कों पर बैठी हैं…”उत्तराखंड को हिला देने…

ankita bhandari
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“एक बेटी जो सपनों के साथ घर से निकली थी, आज उसकी मां-बहनें इंसाफ के लिए सड़कों पर बैठी हैं…”
उत्तराखंड को हिला देने वाला अंकिता भंडारी हत्याकांड हर उस व्यक्ति के जेहन में है और जिसकी आंखों का पानी मरा नही है। इस दुखद घटना को दो साल से ज्यादा बीत चुके है लेकिन उसके माता पिता आज भी न्याय के इंतजार में है।

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आज भी उस दिन को याद करते ही रूह कांप जाती है — 18 सितंबर 2022। वह दिन जब एक मासूम बेटी को सिर्फ इसलिए जान गंवानी पड़ी क्योंकि उसने वीआईपी मेहमानों को ‘स्पेशल सर्विस’ देने से इनकार कर दिया।और वह वीआईपी एक संस्कारी पार्टी का बड़ा नेता बताया जा रहा है।

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क्या था मामला?
पौड़ी गढ़वाल के गंगा भोगपुर में स्थित वनंतरा रिजॉर्ट में 19 वर्षीय अंकिता भंडारी बतौर रिसेप्शनिस्ट काम कर रही थी। 8 सितंबर को वह लापता हो गई, और 18 सितंबर को उसकी हत्या कर दी गई। आरोपियों ने उसे चीला नहर में धक्का देकर मार डाला। 24 सितंबर को उसका शव मिला।


इस घटना से पूरे उत्तराखंड में उबाल आ गया था। लोग सड़कों पर थे, सोशल मीडिया पर इंसाफ की आवाजें उठ रही थीं। उस समय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया। रिजॉर्ट को भी अवैध करार देकर गिरा दिया गया।लोगों का आरोप है कि रिजॉर्ट को गिराने के पीछे उस कथित वीआईपी को बचाा था जिसको स्पेशल सर्विस देने से इंकार करने पर अंकिता को मार डाला गया।लोगों ने इस मामले में तत्कालीन एसडीएम और यमकेश्वर की विधायक पर भी गंभीर आरोप लगाए।


कौन हैं आरोपी?
इस केस में मुख्य आरोपी है पुलकित आर्य, जो बीजेपी से निष्कासित नेता विनोद आर्य का बेटा है। उस पर रेप और हत्या के गंभीर आरोप हैं। इसके साथ रिजॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता भी आरोपी हैं।इसके अलावा एक कथित वीआईपी का नाम भी चर्चाओं में है जिसके स्पेशल सर्विस ना देने पर अंकिता की हत्या कर दी गई।


जांच में खुलासा हुआ कि अंकिता पर ‘स्पेशल सर्विस’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, लेकिन उसने साफ इनकार कर दिया। इसके बाद उस पर शारीरिक और मानसिक शोषण शुरू हुआ। कमरे नंबर 106 में उसके साथ जबरदस्ती की कोशिशें की गईं।


क्या हुई अब तक की कार्रवाई?
धामी सरकार ने इस केस में डीआईजी पी. रेणुका देवी की अगुवाई में SIT गठित की थी। तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और करीब 500 पेज की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हुई।
चार्जशीट में 100 गवाहों के बयान शामिल हैं। केस का मुख्य गवाह विवेक आर्य है, जो रिजॉर्ट में ही काम करता था। आरोपियों पर धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत केस चल रहा है।


इंसाफ अब भी अधूरा
मुख्यमंत्री धामी ने इस केस को लेकर राजकीय नर्सिंग कॉलेज श्रीकोट (डोभ) का नाम अंकिता भंडारी के नाम पर रखने की घोषणा की थी। लेकिन लोग कहते हैं कि सिर्फ नामकरण से कुछ नहीं होगा, जब तक असली गुनहगारों को सजा नहीं मिलती।