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अल्मोड़ा— वनों को आग से बचाने(save forests from fire) की पहल: अब 1 अप्रेल से खेतों में ओण नहीं जलाएंगे ग्रामीण, ओण दिवस मनाकर लिया जाएगा संकल्प

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Almora – Initiative to save forests from fire

अल्मोड़ा, 28 मार्च 2022— कोसी नदी के मुख्य रिचार्ज जोन स्याही देवी शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में मौजूद जल स्त्रोतों और जैवविविधता को बचाने(save forests from fire) के लिए वर्ष 2003-4 से चलाते जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीणों, महिला मंगल दलों द्वारा आगामी 1 अप्रैल को ओण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।


इस ओण दिवस के माध्यम से यह तय किया गया है कि ग्रामीण अब 1 अप्रेल के बाद खेतों में ओण नहीं जलाएंगे। ओण यानि खेतों में खरपतवार को नष्ट करने के लिए जलाई जाने वाली आग है। ओण की आग की चिंगारी भी गर्मियों के मौसम में वनों के आग का कभी कारण बन जाती है। स्थानीय लोगों की इस पहल की पूरे क्षेत्र के साथ ही वन विभाग भी सराहना कर रहा है और इस कार्यक्रम में अपनी ओर से पूरी मदद का भरोसा विभाग ने दिया है।

ग्राम सभा सूरी तथा मटीला में आयोजित अलंग अलग बैठकों में जंगलों की आग(save forests from fire) पर प्रभावी नियंत्रण पाने के उपायों पर विचार विमर्श किया गया। ग्रामोद्योग विकास संस्थान, ढैंली के सलाहकार गजेन्द्र पाठक ने कहा कि ओण की अनियंत्रित आग गर्मियों में वनाग्नि की घटनाओं का सबसे बड़ा कारण है इसलिए ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध और व्यवस्थित करने की जरूरत है।


बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि ओण जलाने की कार्रवाई को किसी भी हालत में हर वर्ष 31 मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा ताकि अप्रैल, मई,और जून के महीनों में जंगलों को आग से सुरक्षित(save forests from fire) रखा जा सके।
ओण जलाने की परंपरा को समयबद्ध करने तथा जंगलों की आग से जल स्त्रोतों, जैवविविधता तथा पारिस्थितिकी तंत्र को हो रहे नुकसान के बारे में जागरूकता पैदा करने हेतु इस साल 1 अप्रैल को ओण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया।

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स्याही देवी शीतलाखेत आरक्षित वन क्षेत्र में मौजूद जल स्त्रोतों और जैवविविधता को बचाने(save forests from fire) के लिए वर्ष 2003-4 से चलाते जा रहे जंगल बचाओ-जीवन बचाओ अभियान को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीणों, महिला मंगल दलों द्वारा आगामी 1 अप्रैल को ओण दिवस मनाने का निर्णय लिया गया है।

ओण दिवस के मौके पर 1 अप्रैल को निकाली जाएगी रैली

बैठक में तय किया गया कि ओण दिवस के अवसर पर मटीला, गांव के पंचायत घर से ग्राम सभा सूरी तक जागरूकता रैली निकाली जाएगी जिसमें मटीला, खरकिया, पड्यूला, सूरी, गड़सारी, डोल,बरसीला, पड्यूला तथा जाला गांवों की महिलाओं तथा ग्रामीणों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा। बैठक में शामिल होने के लिए प्रभागीय वनाधिकारी अल्मोड़ा वन प्रभाग को आमंत्रित किये जाने का निर्णय भी लिया गया।

ओण दिवस के आयोजन में ग्रामोद्योग विकास संस्थान, ढैंली, अल्मोड़ा, नवनीति सेवा केंद्र, सूरी,प्लस एप्रोच फाउंडेशन, नई दिल्ली और नौला फाउंडेशन द्वारा सहयोग किया जा रहा है।

यह लोग रहे बैठक में उपस्थित

बैठक में आशा देवी, इंद्रा देवी, भगवती भंडारी, दुर्गा भंडारी, दीपा आर्या,सोनिया बिष्ट, अनिता कनवाल,बबली परिहार, कल्पना कनवाल, रूचि पाठक, मुन्नी भंडारी,पूजा बिष्ट, मनीषा भंडारी, सुनीता बिष्ट, गरिमा, प्रीति, आस्था हरीश सिंह,रमेश भंडारी, प्रताप सिंह, गोपाल सिंह, सुंदर लाल,रवि परिहार चंदन भंडारी गीता बेलवाल, ललिता कांडपाल,दीपा देवी, देवकी देवी, भावना देवी , राधा परिहार, हीरा सिंह परिहार सहित दर्जनों की संख्या में ,मटीला, गड़सारी, पड्यूला, डोल, बरसीला खरकिया की महिलाओं तथा युवाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

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