राष्ट्रनीति ने फिर से शुरू किया धरना
अल्मोड़ा: जैसे ही देश में युद्ध जैसी स्थिति थोड़ी सामान्य हुई, राष्ट्रनीति संगठन ने एक बार फिर गांधी पार्क में अपना धरना तेज़ कर दिया है। यह धरना एडवोकेट विनोद चंद्र तिवारी की अगुवाई में चल रहा है और अब अपने 27वें दिन में पहुंच चुका है।
फिर उठीं तीन प्रमुख मांगें
इस आंदोलन की मांगें वही हैं जो पहले दिन से चली आ रही हैं—
- ग्राम पंचायत खूंट, धामस, सेनार, चाण, रौन डाल क्षेत्र में कोसी नदी पर पुल बनाया जाए और सड़क की डामरीकरण किया जाए।
- जीआईसी खूंट में छात्रों के लिए पानी की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित हो।
- उत्तराखंड के पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा मिले।
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जनसंपर्क और “सरकार के लिए भीख” अभियान
आंदोलनकारियों ने बीते कुछ दिनों में आसपास के एक दर्जन से अधिक गांवों और अल्मोड़ा बाजार में भ्रमण कर लोगों को आंदोलन से जोड़ा। इस दौरान “सरकार के लिए भीख” नाम से आर्थिक सहयोग भी इकट्ठा किया गया, जिसे जल्द ही सभी जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी में मुख्यमंत्री को सौंपने की योजना है। इसके लिए एक बड़ा सार्वजनिक कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है।
युद्ध के चलते हुआ था ब्रेक, अब फिर से फुल फॉर्म में
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि युद्ध जैसी राष्ट्रीय परिस्थिति को देखते हुए कुछ समय के लिए आंदोलन को धीमा किया गया था, लेकिन अब जब हालात सामान्य हो गए हैं तो धरना और तेज़ किया जाएगा। आंदोलन का अगला चरण और भी व्यापक और जोरदार होगा।
धरने में कौन-कौन शामिल रहा?
रविवार को आयोजित धरने में व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष सुशील शाह, राष्ट्रनीति संगठन के सचिव मनोज पांडे, गोविंद प्रसाद गुड़ू, दीपक आर्य, देवेंद्र, सुरेश सहित कई स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने सरकार से तीनों मांगों को जल्द से जल्द स्वीकार करने की अपील की।