ऑपरेशन सिन्दूर शुरू होने के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में खिंचाव बढ़ गया था। हालात काफी तनावपूर्ण थे। लेकिन अब जब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है तो सीमाओं पर माहौल शांत है। सोमवार को लगातार दूसरे दिन तीनों सेनाओं के डीजीएमओ स्तर के अधिकारियों ने मीडिया से बातचीत की। इस दौरान साफ कर दिया गया कि भारतीय सेना की कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी। पाकिस्तान ने इसे अपने ऊपर हमला समझ लिया। और यही उसकी सबसे बड़ी भूल थी। जिसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत से पहले सेना की ओर से एक वीडियो दिखाया गया। जिसमें ऑपरेशन की कुछ झलकियां दिखाई गईं थीं। वीडियो में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियां सुनाई दीं। जिसमें कहा गया था। जब नाश मनुष्य पर छाता है। पहले विवेक मर जाता है। ये कविता सेना की ताकत को बयान कर रही थी।
मीडिया के सामने वायुसेना के डीजी ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने बताया। कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान भारतीय वायुसेना ने दुश्मन की ओर से छोड़ी गई चीनी मिसाइलों को सफलतापूर्वक नष्ट किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सेना हमारी रक्षा प्रणाली को पार भी नहीं कर पाई। ऑपरेशन के दौरान जो नुकसान पाकिस्तान में हुआ। उसकी पूरी जिम्मेदारी वहीं की सेना की है। क्योंकि हमला आतंकियों पर था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सवाल जवाब का दौर चला। एक पत्रकार ने पूछा कि ब्रीफिंग से पहले जो वीडियो दिखाया गया उसमें दिनकर की कविता क्यों सुनाई गई। इस पर एयर मार्शल भारती ने जवाब में तुलसीदास की चौपाई सुनाई। विनय ना मानत जलधि जड़। गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब। भय बिनु होय न प्रीति। उन्होंने इशारों ही इशारों में पाकिस्तान को चेतावनी दे डाली।
इसके बाद उन्होंने कहा। कि हमारे सभी इक्विपमेंट्स अभी भी ऑपरेशनल हैं। जरूरत पड़ी तो एक बार फिर ताकत के साथ हमला किया जाएगा। इस बार नए तरीके से वार किया जाएगा। एयर मार्शल की बात पूरी होते ही वहां मौजूद लोग तालियों से गूंज उठे। सेना ने दो टूक कहा। कि देश की रक्षा के लिए अगला कदम उठाने से पीछे नहीं हटेंगे।