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Pithoragarh- एम्स की शाखा तराई में खोलना पहाड़ की घोर अनदेखी, सीमांत जिले पिथौरागढ़ में एम्स की शाखा खोलने की मांग

Newsdesk Uttranews
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पिथौरागढ़। एम्स ऋषिकेश का सेटेलाइट सेंटर मैदानी इलाके ऊधमसिंह नगर में ही खोले जाने की सरकार की कोशिशों पर लोगों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आ रही है। यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ऋषेंद्र महर का कहना है कि उत्तराखंड पृथक राज्य की कल्पना और उसकी लड़ाई इसलिए लड़ी गई थी, ताकि पहाड़ पर भी विकास के पहिये चढ़ सकें लेकिन राज्य बनने के दो दशक बाद भी पहाड़ के लोगों की अनदेखी की जा रही है। इसका जीता जागता उदाहरण यह है की एम्स अस्पताल के सेटेलाइट सेंटर को डबल इंजन सरकार, पुनः तराई में खोलने की कवायद शुरू हो गई है।

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कहा कि यह फिर से पहाड़ी जिलों के लोगों की ज्वलंत समस्या और भावनाओं की घोर अनदेखी है। युकां नेता महर ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हमारा डबल इंजन सरकार से कहना है कि जब अलग प्रदेश पहाड़ के नाम से बनाया गया तो आंखिर पहाड़ के लोगों को उसका फायदा क्यों नहीं मिल पा रहा है।

कहा कि पिथौरागढ़ एक सीमांत जिला है जहां स्वास्थ्य सेवाओं का भारी अभाव है, जिसके चलते आए दिन लोगों को छोटी छोटी बीमारियों से या तो अपनी जान गंवानी पड़ती है या उन्हें रेफर कर तराई में भेजा जाता है। आए दिन सड़कें भी बंद रहती हैं जिससे बीमारियों से जूझ रहे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इन परिस्थितियों में एम्स की शाखा पिथौरागढ़ में खोली जानी जाएगा। ताकि उससे चंपावत, बागेश्वर और अल्मोड़ा के लोगाें को भी फायदा मिल सके और पहाड़ी जिलों में भी कुछ विकास हो सके।

कहा कि तराई में पहले से बड़े बड़े अस्पताल हैं लेकिन पहाड़ के लोग आज भी स्वास्थ्य की लचर व्यवस्थाओं से परेशान हैं। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर एम्स की शाखा पहाड़ी सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नहीं खोली जाती है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगाा। क्षेत्रीय जन प्रतिनिधियों व सत्ता से जुुड़े लोगाें ने यदि सरकार पर इस बात के लिए दबाव नहीं बनाया तो उनका भी हर जगह, हर मंच पर विरोध किया जायेगा।