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बाघ की हड्डी व नाखून की तस्करी के आरोप में अभियुक्त को तीन साल की सजा,दस हजार का जुर्माना

Newsdesk Uttranews
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अल्मोड़ा। बाघ की हड्डी की तस्करी के एक मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट ​अभिषेक कुमार की अदालत ने अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत को वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत तीन साल की सश्रम कारावास की सजा और 10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। वन्यजीव संस्थान की जांच के बाद यह सिद्ध हुआ था कि हड्डी नाखून और दांत वन्य जीव बाघ के हैं।
अभियोजन के अनुसार सात अगस्त 2013 को नगर के समीप बख के पास अभियुक्त राजेन्द्र सिंह रावत के कब्जे से पुलिस ओर वन विभाग की टीम ने बाघ की हड्डियां,नाखूंन और दांत बरामद किए जिनका वजन 270 ग्राम था। अभियुक्त के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण ​अधिनियम के तहत कार्रवाई कर उसे जेल भेज दिया गया। वनविभाग की टीम ने भी मामले की जांच की। परिवाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में चला जहां से इसे न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में हस्तांतरित कर दिया गया। वन विभाग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पीसी तिवारी ने पैरवी की और आठ गवाह प्रस्तुत किए। पत्रावली में मौजूद दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त को तीन साल के सश्रम कारावास की सजा और दस हजार रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर अभियुक्त को छह माह का अतिरिक्त कारावास भोगना होगी।

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