पंजाब के लोगों के लिए एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है । बताया जा रहा है पंजाब के जमीन के नीचे मौजूद पानी में पाए जा रहे हैं। रासायनिक तत्वों ने पानी के गुणवत्ता को काफी हद तक खराब कर दिया है जिसके बाद अब इसे लेकर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
पंजाब के जल संसाधन विभाग की एक रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि राज्य के भूजल की स्थिति ठीक नहीं है कुछ लाखों से लिए गए सैंपल में यूरेनियम, आर्सेनिक, आयरन, नाइट्रेट और फ्लोराइड की मात्रा तय मानकों से कहीं अधिक पाई गई है।
रिपोर्ट कहती है कि पंजाब के भूजल में यूरेनियम की मौजूदगी यूरेनियम 32.1%, आर्सेनिक 4.9%, आयरन 5.5%, फ्लोराइड 13.8%, नाइट्रेट 12.8%, पानी में नमक (इलेक्ट्रिक कंडक्टिविटी) 6.7% पाई गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पानी के नीचे स्थित पानी की स्थिति के लिए पानी के अत्यधिक दोहन के साथ-साथ गंदे पानी का जमीन में रिसाव, पत्थरों के घिसने पर उनके तत्वों का जमीन के पानी में जाकर मिल जाना, गंदे मिले पानी का भी जमीन में रिसाव, खेती बाड़ी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक की किस्म की वजह से जमीन के अंदर पानी में भारी धातु और रासायनिक पदार्थ जमीन के अंदर जा रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पंजाब के सभी निवासियों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के लिए नियमित तौर पर मॉनीटरिंग और आवश्यक कार्रवाई की जरूरत है।
इन जिलों में मिले भारी पदार्थ पंजाब के भूजल में सबसे अधिक नमक तत्व (इलक्ट्रिीकल कंडक्टिविटी) फाजिल्का (36 प्रतिशत), मानसा (31 प्रतिशत), श्री मुक्तसर साहिब (30 प्रतिशत), बठिंडा, फरीदकोट और फिरोजपुर में पाया गया। बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और मानसा जिलों के भूजल में नाइट्रेट की उपस्थिति पाई गई है।
फाजिल्का, श्री मुक्तसर साहिब, फिरोजपुर, फरीदकोट, बठिंडा और मानसा के भूजल में फ्लोराइड की मात्रा निर्धारित मानकों से अधिक पाई गई है। मानसा, मोहाली और रूपनगर के भूजल में निर्धारित मानकों से अधिक मात्रा में आयरन पाया गया है।
पंजाब के तरनतारन, अमृतसर और गुरदासपुर जिलों के भूजल में आर्सेनिक की मात्रा पाई गई है, जबकि पंजाब के फाजिल्का, फिरोजपुर, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब, बठिंडा, मानसा, मोगा, बरनाला और संगरूर के भूजल में यूरेनियम पाया गया है।